नई दिल्ली। राजस्थान, मध्य प्रदेश और पश्चिम बंगाल में कोयले की कमी हो गई है, जिससे बिजली उत्पादन प्रभावित हुआ है। ऐसे में इन राज्यों में Electricity संकट गहराया गया है। राजस्थान में तेज गर्मी के कारण बिजली की खपत बढ़ गई है। उधर, कोयला पर्याप्त मात्रा में नहीं होने के कारण तीन बिजली घरों को अघोषित रूप से बंद कर दिया गया है। इसके साथ ही राज्य सरकार के ऊर्जा विभाग ने ग्रामीण इलाकों में तीन से चार घंटे अघोषित Electricityकटौती का निर्णय किया है। सोमवार से गांवों में Electricity कटौती शुरू हुई है।
उर्जा विभाग के प्रमुख सचिव भास्कर ए.सावंत ने बताया कि प्रदेश में बिजली की मांग 31 प्रतिशत बढ़ गई है। मांग छह करोड़ 69 लाख यूनिट बढ़ी है, जबकि उत्पादन कम हो रहा है। हालात सामान्य होने पर कटौती बंद कर दी जाएगी। उन्होंने बताया कि कोयले की कमी के कारण बिजली उत्पादन करीब 35 प्रतिशत कम हो रहा है।
उधर, मध्य प्रदेश में मांग के अनुपात में एक हजार मेगावाट से ज्यादा Electricity की कमी बनी हुई है। संजय गांधी ताप विद्युत गृह की तीन इकाइयां संचालित हो रही हैं। तीनों 210-210 मेगावाट की हैं, जिन्हें करीब 135 से 140 मेगावाट के आसपास चलाया जा रहा है। लेकिन, यहां महज डेढ़ दिन का कोयला बाकी है। कोल इंडिया ने बंगाल बिजली विकास निगम को कोयला आपूर्ति रोकीबंगाल Electricity विकास निगम (डब्ल्यूबीपीडीसीएल) को कोल इंडिया ने कोयला की आपूर्ति बंद कर दी है।
डब्ल्यूबीपीडीसीएल की बंडेल, कोलाघाट, बक्रेश्वर, संतालडीह एवं सागरदीघी पावर प्लांट में कोयला की कमी के कारण उत्पादन गिर गया है। इससे बंगाल में Electricity संकट गहराने के आसार बढ़ गए हैं। इन प्लांटों में करीब 95 सौ मेगावाट Electricity उत्पादन करने की क्षमता है, जबकि कोयले की कमी के कारण 32 सौ मेगावाट तक ही बिजली उत्पादन हो रहा है। इन प्लांटों की कुल 30 में से 14 यूनिट में बिजली उत्पादन बंद हो गया है।
कोल इंडिया का तर्क है कि डब्ल्यूबीपीडीसीएल के पास कोयले की अपनी खदानें हैं। अभी उन Electricity प्लांट को कोयला दिया जाएगा, जिसके पास अपनी खदान नहीं हैं। डब्ल्यूबीपीडीसीएल में बिजली उत्पादन में कमी आने का असर दिखना शुरू हो गया है। पश्चिम बर्द्धमान के आसनसोल समेत कई इलाकों में बिजली गुल होनी शुरू हो गई है। सोमवार को भी बिजली पांच घंटे गायब रही।