नई दिल्ली। Jahangirpuri Riots News: राजधानी दिल्ली के जहांगीरपुरी में हनुमान जन्मोत्सव पर शोभायात्रा पथराव के बाद भड़की हिंसा पर काबू पा लिया गया है। रविवार को कोई उपद्रव नहीं हुआ। इलाके में तनावपूर्ण शांति बनी हुई है और एहतियातन बड़ी संख्या में पुलिस फोर्स तैनात है। हालात पर नियंत्रण पाने के साथ ही उपद्रवियों की धरपकड़ शुरू हो गई है।
कुल 22 लोग गिरफ्तार
पुलिस ने मुख्य साजिशकर्ता अंसार सहित 22 आरोपितों को गिरफ्तार किया है। इनमें दो नाबालिग हैं। अंसार व पिस्टल से फायरिंग करने के आरोपित असलम को पुलिस ने रोहिणी कोर्ट में पेश कर एक दिन के रिमांड पर लिया है। इनसे पूछताछ कर अन्य साजिशकर्ताओं के बारे में जानकारी जुटाई जा रही है।
तीन पिस्टल पांच तलवारें बरामद
आरोपितों से तीन पिस्टल, पांच तलवारें भी बरामद हुई हैं। रविवार देर शाम क्राइम ब्रांच के विशेष आयुक्त रविंद्र यादव ने घटनास्थल का दौरा कर हालात का जायजा लिया। माना जा रहा है कि पूरे मामले की जांच क्राइम ब्रांच को सौंपी जाएगी। उत्तर पश्चिमी जिले की डीसीपी उषा रंगनानी ने बताया कि अंसार ही हिंसा का मुख्य साजिशकर्ता है।
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कबाड़ी का करता है काम
चौथी कक्षा तक पढ़ा अंसार कबाड़ी का काम करता है। उसके खिलाफ दो मामले पूर्व में दर्ज हैं। उसे पहली बार 2009 में चाकू के साथ गिरफ्तार किया गया था। इसके बाद 2018 में उसके खिलाफ सरकारी कर्मचारी पर हमला करने और काम में बाधा डालने की धारा में मुकदमा दर्ज किया गया था। उस पर सट्टेबाजी के मामले में भी कार्रवाई की जा चुकी है।
असलम ने चलाई थी मेदा लाल पर गोली
पुलिस के मुताबिक गिरफ्तार आरोपितों में शामिल असलम ने ही एसआइ मेदा लाल पर गोली चलाई थी। उसने पिस्टल से कई फायर कर शोभायात्रा में दहशत फैलाने का काम किया। उस पर भी दंगा करने, मारपीट, धमकी आदि के आरोपों में पहले से भी मामले दर्ज हैं। उसके पास से वारदात में प्रयुक्त पिस्टल बरामद कर ली गई है।
अंसार ने रोका था शोभायात्रा का रास्ता
दर्ज रिपोर्ट के मुताबिक शनिवार की शाम शोभायात्रा जब जहांगीरपुरी के सी-ब्लाक में जामा मस्जिद के पास पहुंची तो वहां पर अंसार अपने चार-पांच साथियों के साथ पहुंच गया। इसके बाद शोभायात्रा में शामिल लोगों के साथ बहस करते हुए यात्रा को रोकने लगा। कुछ ही देर में शोभायात्रा पर पथराव शुरू हो गया। साथ चल रहे पुलिसकर्मियों ने जब रोकना चाहा तो उपद्रवियों ने उन पर भी पथराव करते हुए फायरिंग शुरू कर दी। इसमें एसआइ मेदा लाल के बाएं हाथ में गोली लगने से जख्मी हो गए थे, जबकि आठ अन्य पुलिसकर्मी भी घायल हो गए। हिंसा के आरोपितों के खिलाफ दंगा भड़काने, शांतिभंग, पुलिस पर हमला करने और सरकारी कामकाज में बाधा डालने सहित कई अन्य संगीन धाराओं में मुकदमा दर्ज किया गया है।