लखनऊ। खीरी के तिकुनिया कांड मामले में केंद्रीय गृह राज्य मंत्री के पुत्र आशीष मिश्रा उर्फ मोनू की जमानत याचिका पर हाई कोर्ट की लखनऊ खंडपीठ में बुधवार को भी सुनवाई पूरी न हो सकी। अब 15 जुलाई को इस मामले की सुनवाई होगी।
बुधवार को जस्टिस कृष्ण पहल की एकल पीठ के समक्ष राज्य सरकार ने आशीष मिश्रा की जमानत का विरोध किया था। अभियुक्त की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता गोपाल चतुर्वेदी ने वीडियो कान्फ्रेंस के माध्यम से बहस की। उन्होंने दलील दी कि सर्वोच्च न्यायालय ने आशीष मिश्रा की जमानत पर दोबारा सुनवाई का आदेश दिया है।
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इसका आशय यह नहीं लगाया जाना चाहिए कि शीर्ष अदालत ने जमानत याचिका के विरुद्ध कोई टिप्पणी की है। उन्होंने यह भी दलील दी कि 197 स्थानीय लोगों ने शपथ पत्र देकर जांच एजेंसी को बताया है कि घटना के वक्त आशीष मिश्रा दंगल में मौजूद था।
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यह भी दलील दी गई कि स्वयं अभियोजन पक्ष ने गाड़ी चढ़ाने का आरोप ड्राइवर पर लगाया है जिसका अर्थ है कि जिन चार लोगों की जान थार गाड़ी चढ़ने की वजह से गई है, उनकी हत्या आशीषमिश्रा ने नहीं की है। पीडि़त पक्ष की ओर से भी तर्क रखा गया। हालांकि, समय की कमी की वजह से बहस पूरी नहीं हो सकी।
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