ज्येष्ठ मास की अमावस्या का शनिदेव की पूजा में विशेष महत्व है। शनिदेव (Shani Dev) भाग्य विधाता हैं और जीवों को कर्मों के अनुसार शुभ अशुभ फल प्रदान करते हैं। ज्येष्ठ मास को भगवान शनिदेव की जयंती है। इस दिन शनि पूजा से शनिदेव की कृपा प्राप्ति होती है तथा अभीष्ट फल मिलता है। इस बार ज्येष्ठ मास की अमावस्या 6 जून को है। इस दिन शनिदेव जी की प्रतिमा विशेषत: शनि शिला पर तेल अर्पण का अति महत्व है। यह जानकारी देते हुए नोहरिया बाजार स्थित प्राचीन श्री शनि धाम के पुजारी चंद्रमोहन भृगुवंशी ने बताया कि पंचांग के अनुसार इस वर्ष के मंत्री शनिदेव है तथा उनकी पूजा रंक को राजा बनाने वाली है। कष्टों को दूर करने वाली है।
सिरसा के 250 वर्ष पुराने शनिदेव मंदिर को जीणोद्धार के बाद भव्य रूप प्रदान किया गया है। नोहरिया बाजार स्थित इस मंदिर के परिसर को विशेष रूप से सफेद रंग की टाइलों से सजाया गया है। संभवत भगवान शनिदेव जी का एकमात्र मंदिर है जहां काले रंग के पत्थर के स्थान पर सफेद रंग के पत्थर-टाइल का प्रयोग किया गया है। श्री शनिदेव मंदिर चेरीटेबल ट्रस्ट के पदाधिकारी आनंद भार्गव, चंद्रमोहन भृगुवंशी ने बताया कि नगरवासियों के सहयोग से इस ऐतिहासिक मंदिर का जीणोद्धार किया गया है। मंदिर के डिजाइन व साज सज्जा को पूरी सतर्कता बरती गई है और शनिदेव की कृपा से अदभूत दरबार स्थापित हुआ है।
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यहां शनिदेव (Shani Dev) जी की 250 वर्ष पुरानी हाथी पर सवारी प्रतिमा है। इसके साथ ही शनि शिला, शनिदेव के नौ वाहनों पर सवार स्वरूप तथा नवग्रह दरबार अति सुंदर है। मंदिर में बाबो सा भगवान, राम दरबार, मां दुर्गा, हनुमान जी तथा शिव परिवार के अद्भूत विग्रह स्थापित है शनिदेव मंदिर चेरीटेबल ट्रस्ट के पदाधिकारी आनंद भार्गव, चंद्रमोहन भृगुवंशी ने बताया कि ज्येष्ठ मास की अमावस्या के पावन अवसर पर शनि जयंती समारोह धूमधाम से मनाया जाएगा।
6 जून से 8 जून 2024 तक आयोजित होने वाले इस कार्यक्रम में 6 जून (अमावस्या) को प्रात: 8.15 बजे शनि जी का पूजन, भोग व शनि तेल धारा आरंभ होगा। इसके पश्चात 8 जून (शनिवार) शनि कृपा प्राप्ति हवन व भंडारा प्रात: 9 बजे से आरंभ होगा। 8 जून को शाम सात बजे से श्री संकटमोचन बालाजी महिला मंडल द्वारा शनिदेव जी का संकीर्तन आयोजित किया जाएगा। ट्रस्ट पदाधिकारियों ने बताया कि मंदिर जीणोद्धार के दो चरण पूरे होने पर शनि भक्तों के द्वारा ‘शनि कृपा प्राप्ति यज्ञ’ का आयोजन कर नवग्रहों के राजा एवं भाग्य विधाता भगवान शनिदेव जी का धन्यवाद किया जाएगा। जीणोद्धार के तीसरे चरण में मंदिर के मुख्य द्वार का निर्माण कार्य शुरू करने के लिए यज्ञ के माध्यम से शनिदेव जी से प्रार्थना की जाएगी। आप इस कार्यक्रम में भाग लेकर भगवान शनिदेव जी का आशीर्वाद पाएं।