लखनऊ। गुड्स एंड सर्विस टैक्स (GST) की आनलाइन पंजीयन प्रणाली में सेंध लगाकर बोगस कंपनियों के सहारे करोड़ों की टैक्स चोरी करने वाला साइबर अपराधी संजय सिंह यादव लखनऊ के साइबर क्राइम थाना पुलिस के हत्थे चढ़ गया।
उसके सहित अन्य फर्मों के नाम पर कुल 37 खातों में 215 करोड़ रुपये का लेनदेन पाया गया है। वहीं, मेरठ में भी 650 फर्मों के माध्यम से 1700 करोड़ रुपये की टैक्स चोरी का प्रकरण सामने आया है, जिसमें अभियुक्त संजय के साथ ही उसके दिल्ली निवासी चार्टर्ड अकाउंटेंट प्रदीप कुमार की संलिप्तता पाई गई है। अब विवेचना में प्रवर्तन निदेशालय और वाणिज्य कर विभाग की भी सहायता ली जाएगी।
कुछ समय से साइबर क्राइम से संबंधित फर्जी व्यावसायिक फर्म बनाकर जीएसटी(GST) चोरी करने वाले गैंग के सदस्यों के लखनऊ से लेकर नोएडा और दिल्ली तक सक्रिय होने की सूचना साइबर पुलिस को मिल रही थी। अगस्त, 2019 में वादी विशाल कश्यप ने तथाकथित राशिद सिद्दीकी के खिलाफ अमीनाबाद थाना और अक्टूबर, 2020 में वादी अजीम इकबाल ने पीजीआइ थाने में आइटी एक्ट सहित विभिन्न धाराओं में मुकदमे दर्ज कराया।
दोनों मुकदमों में फर्जी कंपनियों द्वारा फर्जी लेनदेन और करोड़ों रुपये की जीएसटी(GST) चोरी दर्शाई गई। प्रारंभिक जांच के इन मुकदमों की विवेचना साइबर क्राइम थाना को सौंप दी गई। साइबर पुलिस ने बुधवार को अपराध में लिप्त उन्नाव निवासी संजय सिंह यादव को घटना में उपयोग किए गए मोबाइल सहित लखनऊ से गिरफ्तार कर लिया। पुलिस के मुताबिक, संजय ने किसी तरह ई-वे बिल प्राप्त कर लिए। फिर जीएसटी की आनलाइन पंजीयन प्रणाली में सेंध लगाई। बोगस कंपनी बनाकर फर्जी क्रय-विक्रय दर्शाकर करोड़ों रुपये की जीएसटी चोरी कर ली।
जांच करने पर कंपनी का कोई भौतिक अस्तित्व नहीं मिला। विवेचना में संजय ङ्क्षसह यादव के नाम व अन्य फर्म के नाम पर कुल 37 खातों के प्रयोग की जानकारी सामने आई। इन खातों में 215 करोड़ रुपये का लेनदेन पाया गया। पुलिस का कहना है कि संजय ने अपनी पत्नी के नाम पर इम्पॉर्टी सेल नाम की कंपनी बना रखी है, जिसके दिल्ली में स्टोर हैं। संजय की पत्नी के नाम पर दिल्ली में फ्लैट और लखनऊ में मकान है।
इस घटना में प्रयोग की गई फर्मों के अतिरिक्त अन्य 650 फर्मों के संबंध में मेरठ जीएसटी विभाग द्वारा 1700 करोड़ रुपये की टैक्स चोरी का प्रकरण भी दर्ज कराया जा चुका है। वह चोरी भी अभियुक्त संजय सिंह यादव और उसके साथी चार्टर्ड अकाउंटेंट प्रदीप कुमार द्वारा की गई। सरकार राजस्व चोरी की इस घटना की आगे जांच के लिए पुलिस प्रवर्तन निदेशालय और वाणिज्य कर विभाग की मदद भी लेगी।
यह है गिरफ्तार करने वाली टीम : साइबर क्राइम थाने के प्रभारी निरीक्षक मो. मुस्लिम खां, उपनिरीक्षक गुलाम हुसैन, मुख्य आरक्षी संतोष कुमार तिवारी, आरक्षी धनिश यादव, संजय कसौधन, सौरभ गंगवार और प्रशांत शुक्ला।