झज्जर : अक्षय तृतीया पर तीन मई को अबूझ सावा है। इस दिन जिले के करीब 500 से अधिक जोड़े शादी के बंधन में बंधेंगे। शादियों का सीजन होने के चलते बाजार में भी रोनक देखने को मिल रही है। अबूझ सावा होने के कारण बिना पंचाग देखें भी शादी व अन्य शुभ कार्य किए जा सकते हैं। वहीं व्यापार की दृष्टि से शादियों के सीजन को अच्छा माना जा रहा है। जिसके चलते व्यापार को बढ़ावा मिलेगा। शादी के चलते लोग बाजार में पहुंचते हैं। ऊपर ग्रामीण एरिया में फसलों की कढ़ाई होने के बाद लोग शादियों के लिए खरीददारी करने में भी दिलचस्पी दिखा रहे हैं।
अक्षय तृतीया पर अबूझ सावा होने के चलते हर वर्ग के व्यापारी को कारोबार बढ़ने की उम्मीद रहती है। चाहे अभूषण विक्रेता हो या कपड़ा, बैंड वाला, फूल विक्रेता, बर्तन विक्रेता, इलेक्ट्रानिक विक्रेता आदि सभी को काम मिलता है। पिछले दिनों कोरोना महामारी के कारण व्यापार काफी ठप रहा था। जिसके चलते शादियों का सीजन व्यापार में भी नई जान फूकने का काम कर रहा है। व्यापारियों का काम बढ़ेगा और माल की अधिक खरीददारी होगी तो मुनाफा भी अधिक होगा।
अक्षय तृतीय या आखा तीन वैशाख मास में शुक्ल पक्ष की तृतीया को कहते हैं। पौराणिक ग्रंथों के अनुसार इस दिन जो भी शुभ कार्य किए जाते हैं उनका अक्षय फल मिलता है। अक्षय तृतीया का सर्वसिद्ध मुहूर्त के रूप में भी महत्व है। मान्यता है कि इस दिन बिना कोई पंचांग देखे भी शुभ व मांगलिक कार्य किए जा सकते हैं। अक्षय तृतीया का अबूझ सावा होने के कारण इस दिन विवाह, गृह प्रवेश, वस्त्र, आभूषणों, घर, भूखंड व वाहन की खरीददारी संबंधित शुभ कार्य किए जा सकते हैं।
आगामी करीब सवा दो महीनों तक शुभ मुहूर्तों का सिलसिला जारी रहेगा। इस बार अंतिम सावा 8 जुलाई को भड़लिया नवमी का है। भड़लिया नवमी को भी अबूझ सावा होता है। जिसके बाद सावे बंद हो जाएंगे। वहीं करीब चार-पांच महीने तक सावे बंद रहेंगे। नवंबर माह में फिर से सावे शुरू होंगे। जिसके बाद लोग शुभ व मांगलिक कार्य कर पाएंगे।
-तीन मई को अक्षय तृतीया पर अबूझ सावा है। इस दिन शुभ व मांगलिक कार्यों के लिए विशेष योग है। इस दिन जिले में 500 से अधिक शादियां होने की उम्मीद है। अक्षय तृतीय पर पंडितों के पास भी एडवांस में बुकिंग हैं।
आचार्य उपेंद्र कृष्ण