कराची: MQM: पाकिस्तान (Pakistan) के कराची में नेशनल एसेंबली 245 ( NA-245) निर्वाचन क्षेत्र में हुए उपचुनावों में मतदान केंद्रों पर पूरी तरह सन्नाटा छाया रहा क्योंकि मुत्ताहिदा कौमी मूवमेंट (MQM) के सदस्यों ने इन चुनावों का बहिष्कार किया था। पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (PTI) के नेता डा आमिर लियाकत हुसैन के निधन के बाद यह सीट खाली हो गया था, जिसके बाद 21 अगस्त को यहां मतदान हुआ था।
मतदान बहिष्कार का दिखा असर
कराची के NA-245 निर्वाचन क्षेत्र में केवल 11.8 प्रतिशत मतदाताओं ने मतदान किया। निर्वाचन क्षेत्र में रजिस्टर्ड मतदाताओं की कुल संख्या 5,15,003 है, लेकिन MQM के संस्थापक और पार्टी नेता अल्ताफ हुसैन द्वारा मतदान बहिष्कार की अपील के बाद केवल 60,760 वोट पड़े। हुसैन ने एक वीडियो जारी कर उपचुनावों का बहिष्कार करने का आग्रह किया था। उन्होंने कहा था कि जनता की सही और सच्ची प्रतिनिधि पार्टी MQM की राजनीतिक, संगठनात्मक और कल्याणकारी गतिविधियों पर हर तरह की पाबंदियां लगाई गई हैं। उन्होंने आरोप लगाया था कि हमारे पार्टी का प्रधान कार्यालय असंवैधानिक और अवैध रूप से सील कर दिया गया है।
मतदान केंद्र पर नहीं दिखी भीड़
मतदान का बहिष्कार करने के लिए MQM के नेता ने पत्र और पर्चे भी निर्वाचन क्षेत्र में वितरित किए थे और लोगों से उपचुनाव का बहिष्कार करने के लिए कहा था। आम तौर पर चुनाव के दिन मतदान केंद्रों पर मतदाताओं की लंबी कतारें लगती हैं और मतदान शिविरों में भीड़ होती है, लेकिन हुसैन की अपील पर लोगों ने मतदान का बहिष्कार कर दिया और मतदान केंद्र पर कोई भीड़ नहीं देखी गई। क्षेत्र में राजनीतिक दलों द्वारा लगाए गए मतदान शिविर खाली रहे।
मतदान में लोगों का उत्साह कम
बता दें कि 2018 के चुनाव में PTI को 56,615 वोट मिले थे, लेकिन इस बार बहिष्कार के कारण उसे 29,475 वोट ही मिल सके। जबकि पार्टी को तोड़ने के लिए सैन्य प्रतिष्ठान द्वारा बनाए गए समूह MQM पाकिस्तान को केवल 13,193 वोट ही मिल सके। स्थानीय अखबार डान ने अपनी रिपोर्ट में एक नागरिक के हवाले से कहा, ‘MQM के आह्वान के बाद, उत्साह काफी कम हो गया।’