सी एम के नेशनल स्नातकोत्तर महाविद्यालय में राष्ट्रीय सेवा (National Service) योजना इकाइयों के तत्वावधान में 26 फरवरी से चल रहे सात दिवसीय शिविर का रविवार को समापन हुआ। कार्यक्रम का शुभारंभ मुख्य अतिथि डॉ रोहताश, एसोसिएट प्रोफेसर, अर्थशास्त्र विभाग चैधरी देवी लाल विश्वविद्यालय सिरसा व महाविद्यालय प्राचार्या डॉ रंजना ग्रोवर द्वारा माँ सरस्वती के समक्ष दीप प्रज्वलन से हुआ। कार्यक्रम अधिकारी डॉ आरती बंसल और डॉ मंजू देवी ने बताया कि इस सात दिवसीय शिविर के समापन समारोह की शुरुआत स्वयंसेवकों द्वारा मुख्य अतिथि के सम्मान में स्वागत गीत प्रस्तुति के साथ हुई।
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इसके साथ ही स्वयंसेवकों ने एक ओर भारतीय परंपरा के प्रतीक लोक नृत्य, लोक गीत, रैम्प वॉक प्रस्तुति दी वही बेस्ट आउट ऑफ वेस्ट प्रदर्शनी के साथ साथ पोस्टर मेकिंग, सिलाई कढाई, पोट की सजावट, रंगोली व फैब्रिक पेंटिंग भी सिखाई गई। कार्यक्रम अधिकारियों ने बताया कि शिविर के छठे दिन श्री सूरज प्रकाश द्वारा साइबर अपराधों के बढ़ते मामलों के प्रति सचेत करने के लिए साइबर क्राइम व साइबर हाइजीन के बारे में बताया गया। वहीं मि. कमल द्वारा एच आई वी एड्स की रोकथाम व नशा मुक्ति पर विस्तार वार्ता की गई। इसके अलावा नेल आर्ट, मेहंदी जैसी हॉबी क्लास लगाई गई।
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डॉ आरती बंसल और डॉ मंजू देवी ने बताया कि स्वयंसेवकों को आध्यात्म व ध्यान से जोड़ने के लिए शिविर में नियमित रूप से योग व मेडिटेशन कराया तथा आत्म – रक्षा के गुर सिखाने के लिए कराटे प्रशिक्षण दिया गया। शिविर के दौरान प्रतिदिन स्वयंसेवकों द्वारा में सफाई अभियान भी चलाया गया साथ ही एच आई वी एड्स की रोकथाम का संदेश दिया गया। इसके अतिरिक्त डॉ आरती बंसल ने व्यक्तित्व विकास एवं महिला सशक्तिकरण पर विस्तार वार्ता की और डॉ मंजू देवी द्वारा युवाओं में संस्कारों की कमी के विषय में चर्चा की गई । कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए प्राचार्या महोदया ने कहा कि एनएसएस का उद्देश्य विद्यार्थियों में समाज की समस्याओं और जरूरतों की पहचान करने और उनसे निपटने के लिए एक अंतर्दृष्टि विकसित करना है। (National Service)
यह एक लोकतांत्रिक दृष्टिकोण का निर्माण करता है, नेतृत्व की गुणवत्ता को सामने लाता है और उन्हें मानवता के प्रति ‘निःस्वार्थ सेवा‘ देने के लिए प्रोत्साहित करता है। प्राचार्या ने विद्यार्थियों से शिविर में सीखे गए गुणों को जीवन में उतारने के लिए प्रेरित किया। इसके साथ ही प्राचार्या ने सभी स्वयंसेवकों को सम्मानित किया और उनकी हौसला अफजाई करते हुए उनके उज्ज्वल भविष्य की कामना की। शिविर का समापन स्वयंसेवकों द्वारा राजस्थानी, हरियाणवी और दक्षिण भारतीय के परम्परागत मूल्यों को दर्शाते हुए विविध साँस्कृतिक कार्यक्रमों के साथ हुआ।