गाजियाबाद। सात साल की मासूम से दुष्कर्म के मामले में गवाही के लिए अदालत में हाजिर न होने पर बागपत के ASP के खिलाफ कोर्ट ने गैर जमानती वारंट जारी किया है। मुकदमे में सभी गवाहों की गवाही पूरी हो चुकी है, केवल बागपत के एएसपी मनीष कुमार मिश्र का साक्ष्य संकलित किया जाना शेष है। वह इस मुकदमे में अंतिम गवाह हैं।
बच्ची के दोस्त के मामा ने किया दुष्कर्म
विशेष लोक अभियोजक संदीव बखरवा ने बताया कि मामला सिहानी गेट थाना क्षेत्र का है। 16 सितंबर 2016 को मासूम से उसकी दोस्त के मामा परविंदर ने पार्क में खेलते समय दुष्कर्म किया। बच्ची ने घटना के बारे में अपनी मां को बताया और पीड़िता की मां ने मामले की रिपोर्ट पुलिस में दर्ज करा दी। तत्कालीन सीओ द्वितीय मनीष कुमार मिश्रा इस केस में जांच अधिकारी थे।
गवाही के लिए कोर्ट नहीं पहुंचे एएसपी
पुलिस ने रिपोर्ट के आधार पर परविंदर को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था। जिसके बाद मामले की सुनवाई पाक्सो कोर्ट में चल रही थी। अदालत ने बृहस्पतिवार को बागपत के ASP मनीष मिश्र को गवाही के लिए केस में हाजिर होने के लिए आदेश दिया था, लेकिन वह गवाही देने के लिए नहीं आए। जिस कारण उनके खिलाफ गैर जमानती वारंट जारी किया है।
ड्यूटी में व्यस्तता कहकर कोर्ट से नदारद
बता दें कि आठ सितंबर 2021 से एएसपी को कोर्ट में तलब किया जा रहा है लेकिन वह बयान दर्ज कराने नहीं पहुंचे। एएसपी के मोबाइल पर कई बार संपर्क कर उन्हें मामले से अवगत कराया गया लेकिन ड्यूटी का हवाला दिया। इस बाबत एएसपी की तरफ से कोई स्थगन प्रार्थना पत्र भी न्यायालय में प्रस्तुत नहीं किया गया। प्रतिवादी की अर्जी पर न्यायालय ने इसे आदेशों की अवहेलना माना। सितंबर में मामले की सुनवाई के दौरान अदालत ने पुलिस महानिदेशक लखनऊ को आदेशित किया था कि वह आठ सितंबर-2022 तक एएसपी मनीष कुमार मिश्र को गिरफ्तार कर न्यायालय में पेश करें। अब उनके खिलाफ जमानती गैर वारंट जारी किया गया है।