शुक्रवार (30 जून) को कर्नाटक के शिवमोग्गा जिले में राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) ने ISIS (Robot) साजिश मामले में 9 लोगों के खिलाफ अपना पहला पूरक आरोप पत्र दायर किया। NIA ने अपने इस आरोप में कई खुलासे किए हैं।
NIA ने किए अहम खुलासे
आपको बता दें कि एनआईए ने अपने पूरक आरोप पत्र में कहा कि आरोपी भविष्य में आतंकवादी हमलों को अंजाम देने के लिए कौशल हासिल करने के लिए रोबोटिक्स पाठ्यक्रम लेने वाले थे। एनआईए के अनुसार, आरोपियों ने इस्लामिक स्टेट (ISIS) की साजिश के तहत लोगों में दहशत फैलाने के लिए कई स्थानों के बारे में पता लगाया और वहां संपत्तियों और वाहनों को आग के हवाले किया। साथ ही शिवमोग्गा में एक परीक्षण IED विस्फोट किया था।
इन आरोपियों के खिलाफ चार्जशीट दायर
आज यानी शनिवार को आरोपपत्र दाखिल किए गए आरोपितों की पहचान मोहम्मद शारिक (25), माज मुनीर अहमद (23), सैयद यासीन (22), रीशान थाजुद्दीन शेख (22), (Robot) हुजैर फरहान बेग (22), माजिन अब्दुल रहमान (22), नदीम अहमद के ए (22), ज़ँबीउल्ला (32) और नदीम फैज़ल एन (27) के रूप में की गई। ये सभी कर्नाटक के रहने वाले हैं।
जांच एजेंसी ने कहा
उन सभी पर UAPA, IPC और KS प्रिवेंशन ऑफ डिस्ट्रक्शन एंड लॉस ऑफ प्रॉपर्टी एक्ट, 1981 के तहत आरोप लगाए गए हैं। बता दें कि माज मुनीर अहमद और सैयद यासीन पर पहले भी इस साल मार्च में आरोपपत्र दाखिल किया गया था और अब उन पर अन्य अपराधों का आरोप लगाया गया है।
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NIA ने कहा
उन्हें विदेश स्थित ISIS हैंडलर ने भारत के लिए IS के एजेंडे को आगे बढ़ाने के लिए भविष्य में आतंकवादी हमलों को अंजाम देने के लिए कौशल हासिल करने के लिए रोबोटिक्स कोर्स करने का काम सौंपा था। NIA की जांच से पता चला है (Robot) कि मोहम्मद शारिक, माज मुनीर अहमद और सैयद यासीन ने क्षेत्र में प्रतिबंधित आतंकवादी संगठन आईएस के निर्देश पर आतंक और हिंसा को बढ़ावा देने के लिए विदेश स्थित आईएस गुर्गों के साथ मिलकर एक आपराधिक साजिश रची थी और आतंकी हमलो के लिए ही रोबोट्स को हथियार की तरह प्रयोग करने की साज़िश रची थी. हालांकि, NIA द्वारा इस मामले का खुलासा कर दिया गया हैं|