पंचकूला, 24 जनवरी- राष्ट्रीय किशोर स्वास्थ्य कार्यक्रम के तहत (National Adolescent Health) स्कूल स्वास्थ्य एवं कल्याण कार्यक्रम के सफल क्रियान्वयन के लिए स्वास्थ्य विभाग पंचकूला द्वारा डाईट केन्द्र, सेक्टर-2 पंचकूला में जिलास्तर पर दो दिवसीय प्रशिक्षण सह कायर्शाला का आयोजन किया गया। इस प्रशिक्षण में, मिडल, हाई और सीनियर सेकेंडरी स्कूलों (6वीं से 12वीं कक्षा) के 150 प्रमुखों और प्रधानाध्यापकों ने भाग लिया।
ये भी पड़े – जाने भारत के कौनसे स्थान पर है Diamond Crossing, जहा चारों दिशाओं से क्रॉस होती हैं ट्रेनें?
राष्ट्रीय किशोर स्वास्थ्य कार्यक्रम के तहत स्कूल स्वास्थ्य एवं कल्याण कार्यक्रम आयुष्मान भारत का एक घटक है। यह स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय और शिक्षा मंत्रालय की एक संयुक्त पहल है। इस कार्यक्रम के तहत, स्वास्थ्य और कल्याण राजदूतों के रूप में शिक्षकों का प्रशिक्षित (National Adolescent Health) किया जाना है। इस अवसर पर डॉ. शिवानी, उप सिवल सर्जन ने इस कार्यक्रम के उद्देश्यों को विस्तार से बताया और आग्रह किया कि इस कायर्क्रम के बेहतर क्रियान्वयन और मजबूती के लिए स्वास्थ्य और शिक्षा विभाग को मिलकर काम करना होगा।
ये भी पड़े – क्या आप कलाकार बनाना चाहते है ? क्या आप फिल्म जगत में अपना नाम बनाना चाहते है?
राष्ट्रीय किशोर स्वास्थ्य कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य स्कूल जाने वाले बच्चों के स्वास्थ्य और भलाई को बढ़ावा देकर उनकी वृिद्ध, विकास और शैक्षणिक उपलिब्ध को बढ़ावा देना, (National Adolescent Health) स्कूल जाने वाले बच्चों के बीच समूचित जिम्मेदारी और स्वस्थ व्यवहार को बढ़ावा देने के लिए ज्ञान में वृिद्ध, सकारात्मक दृिष्टकोण को विकसित करना और जीवन कौशल को बढ़ाना, देखभाल की निरतंरता सुनिश्चित करने के लिए स्कूलो और आयुष्मान भारत-स्वास्थ्य और कल्याण केंद्रों और किशोरों के अनुकूल स्वास्थ्य क्लिनक के बीच मजबूत संबंध स्थािपत करना है।