नई दिल्ली: न्यूज 18 इंडिया के एंकर अमन चोपड़ा के खिलाफ राजस्थान में दर्ज हुए धार्मिक ¨हसा के केस में राजस्थान पुलिस ने नोएडा में डेरा डाल दिया है। दो दिन से लगातार राजस्थान पुलिस ग्रेटर नोएडा वेस्ट के अरिहंत आर्डन सोसायटी स्थित अमन चोपड़ा के फ्लैट पर पहुंच रही है।
आरोप है कि अमन ने अपने एक शो में कथित तौर पर दावा किया था कि दिल्ली जहांगीरपुरी केस का बदला लेने के लिए राजस्थान के अलवर में सदियों पुराने धार्मिक स्थल का विध्वंस किया गया था। इसके बाद धार्मिक हिंसा भड़काने के मामले में अमन के खिलाफ राजस्थान में केस दर्ज किया गया था। तीन अलग-अलग केस मामले में दर्ज हुए हैं।
वहीं सोसायटी के लोग अमन के फ्लैट के बाहर लगे गैर जमानती वारंट का फोटो खींचकर इंटरनेट मीडिया पर वायरल कर रहे हैं। दावा है कि पिछले महीने की 28 तारीख से ही टीवी पत्रकार के फ्लैट पर ताला लगा है।
एक टीवी चैनल के शो पर टिप्पणी के लिए एंकर अमन चोपड़ा को खोज रही राजस्थान पुलिस ने उनसे यह भी पूछा है कि उक्त शो की स्क्रिप्ट किसने लिखी थी और उसका प्रोड्यूसर कौन था। रविवार को न्यूज-18 इंडिया के एंकर अमन चोपड़ा को खोजते हुए ग्रेटर नोएडा पहुंची राजस्थान पुलिस को मुख्यालय से निर्देश है कि वह गिरफ्तारी तक वहीं रहे। बता दें, चोपड़ा ने 22 अप्रैल को टीवी शो ‘देश नहीं झुकने देंगे’ में राजस्थान में अलवर जिले के राजगढ़ में अतिक्रमण अभियान में मंदिर ढहाने की कार्रवाई को दिल्ली के जहांगीरपुरी में हुई कार्रवाई का बदला बताया था।
डूंगरपुर के कोतवाली थाने के थाना अधिकारी दिलीप दान के अनुसार राजस्थान पुलिस की टीम चोपड़ा की गिरफ्तारी के लिए नोएडा स्थित उनके कार्यालय और ग्रेटर नोएडा स्थित घर गई थी, लेकिन वह दोनों जगह नहीं मिले। पुलिस उनके कार्यालय में नोटिस देकर आई है जिसमें कुछ दस्तावेज मांगे गए हैं।
राजस्थान पुलिस द्वारा नोटिस के माध्यम से प्रोड्यूसर और स्क्रिप्ट राइटर के बारे में जानकारी किए जाने के बाबत पूछने पर ब्राडकास्ट मीडिया के कामकाज से परिचित जानकार बताते हैं कि किसी टीवी चैनल पर आने वाले शो के कंटेंट के लिए केवल एंकर ही जिम्मेदार नहीं है।
कार्यक्रम के प्रोड्यूसर और संपादक को भी जिम्मेदार माना जाता है। मामले में राजस्थान पुलिस का दबाव लगातार बढ़ता जा रहा है। पुलिस का कहना है कि अमन चोपड़ा के खिलाफ तलाशी वारंट भी जारी किया जाएगा। चोपड़ा के खिलाफ डूंगरपुर के बिछीवाड़ा पुलिस थाने में प्रथम सूचना रिपोर्ट दर्ज हुई थी जिसे बाद में कोतवाली पुलिस थाने में स्थानांतरित कर दिया गया।