खेलों में हार-जीत कोई मायने नहीं रखती। मायने रखता है खेल को खेल की भावना से और भाईचारे से खेलना। नशे रूपी सामाजिक बुराई को जड़ से खत्म करने के लिए इस प्रकार के खेल आयोजन अह्म भूमिका निभा सकते हंै। उक्त बातें सरपंच एसोसिएशन की प्रदेश उपाध्यक्ष संतोष बैनीवाल (Santosh Bainiwal) ने गांव ढुकडा में समस्त ग्रामीणों की ओर से आयोजित क्रिकेट प्रतियोगिता के उद्घाटन अवसर पर कही।
ग्रामीणों ने बड़ी गर्मजोशी से संतोष बैनीवाल का स्वागत किया। इस मौके पर उनके साथ नंदलाल ठेकेदार, इंद्र जांगड़ा, सुरेंद्र बिश्नोई भी उपस्थित थे। संतोष बैनीवाल ने अपने निजी कोष से प्रतियोगिता आयोजन कमेटी को 11000 रुपए की राशि सहयोग स्वरूप प्रदान की। बैनीवाल ने कहा कि शिक्षा के साथ-साथ खेल भी मनुष्य के लिए बेहद जरूरी है। खेलों से केवल हमारा शारीरिक विकास होता है, बल्कि मानसिक रूप से भी मनुष्य सुदृढ़ होता है और सोचने की शक्ति भी बढ़ती है
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पुराने जमाने में बुजुर्ग कहा करते थे कि पढ़ोगे लिखोगे तो बनोगे नवाब, खेलोगे कूदोगो तो होओगे खराब। उन्होंने कहा कि नशे की गर्त में जा रही युवा पीढ़ी को बचाने के लिए हम सभी को मिलकर प्रयास करने होंगे। बैनीवाल ने कहा कि प्रदेश के बहुत से खिलाड़ी खेलों के दम पर ही आज बड़े-बड़े पदों पर आसीन है। इसलिए युवा किसी एक खेल को चुनकर उसके प्रति समर्पित भाव से खेलें और अपने भविष्य को स्वर्णिम बनाएं। इस मौके पर आयोजन कमेटी की ओर से संतोष बैनीवाल को स्मृति चिन्ह देकर सम्मानित किया गया। (Santosh Bainiwal)