बेंगलुरु। मुंबई के बल्लेबाज सरफराज खान ने गुरुवार को मध्य प्रदेश के खिलाफ रणजी ट्राफी फाइनल में बनाए गए शतक को अपने पिता और कोच नौशाद खान को समर्पित किया। सरफराज पंजाबी गायक सिद्धू मूसेवाला के प्रशंसक हैं जिनकी हाल में एक गैंग ने गोली मारकर हत्या कर दी थी। सरफराज ने शतक जड़ने के बाद मूसेवाला की स्टाइल (जांघ पर हाथ मारकर) में जश्न मनाया।
दिन के खेल के बाद भावुक होते हुए सरफराज ने कहा, ‘यह शतक मेरे पिता के कारण है, यह उनके बलिदान के कारण है और उस समय मेरा हाथ थामने की वजह से है जब मैं निराश था।’
नौशाद के दोनों बेटे सरफराज और मुशीर मुंबई की टीम के लिए ही खेलते हैं। यह पूछने पर कि क्या भारतीय टीम में जगह बनाने का सपना पूरा होने की ओर है? इस सवाल के जवाब में सरफराज की आंखे डबडबा गई।
उन्होंने कहा, ‘हमारी जिंदगी सब कुछ उन छोटे-छोटे सपनों के लिए है जिन्हें हम संजोते हैं। सपने हम (वह और उनके पिता) साथ देखते हैं। मैंने मुंबई में वापसी के बाद से दो सत्र में जो 2000 के करीब रन बनाए हैं, वो सब मेरे पिता की वजह से हैं। आप सब तो जानते हो मेरे साथ क्या हुआ। पिता नहीं होते तो मैं खत्म हो जाता। इतनी सारी समस्याएं थीं और जब मैं सोचता कि मेरे पित इन सबसे कैसे निपटे तो मैं भावुक हो जाता हूं। उन्होंने एक बार भी मेरा हाथ नहीं छोड़ा।’
शतक के जश्न की स्टाइल के बारे में पूछे जाने पर सरफराज ने कहा, ‘यह सिद्धू मूसेवाला के लिए था। मुझे उनके गाने बहुत पसंद हैं और ज्यादातर मैं और हार्दिक तमोरे (विकेटकीपर) उनके गाने सुनते हैं। मैंने इसी तरह का जश्न पिछले मैच के दौरान भी मनाया था, लेकिन तब हाटस्टार ने इसे दिखाया नहीं था। मैंने फैसला किया था कि जब भी एक और शतक जड़ूंगा, इस तरह ही जश्न मनाऊंगा।’