बांदा। चिल्ला थाना के ग्राम गुगौली में मां के हाथ का बना खाना खाने से बेटी की मौत हो गई और गंभीर हालत में बेटा भी जिंदगी के लिए मौत से जंग लड़ रहा है। डॉक्टर ने खाना जहरीला होने की बात कही तो घर जाकर बर्तन देखने पर घरवालों के होश उड़ गए। इस बात की जानकारी जब मां को हुई तो वह खुद को कोसती रही।
चिल्ला थाना के ग्राम गुगौली निवासी इंसाफ अली की 12 वर्षीय पुत्री नाजिया व उसके सात वर्षीय भाई अरमान ने शुक्रवार रात एक साथ खाना खाया था। खाना उसकी मां ने बनाया था। देररात पहले नाजिया की हालत बिगड़ना शुरू हुई और उसे बेहोशी छाने लगी। बाद में उसके छोटे भाई अरमान को भी बेहोशी छाने लगी। हालत ज्यादा बिगड़ती देखकर स्वजन दोनों को गंभीर हालत में आनन-फानन जिला अस्पताल ले गए। चिकित्सकों ने प्राथमिक उपचार के बाद हालत नाजुक देखकर नाजिया को कानपुर रेफर कर दिया। स्वजन उसे कानपुर ले जा रहे थे रास्ते में उसकी मौत हो गई। डॉक्टरों ने जहरीला खाना खाने से मौत होने की बात कही तो स्वजन ने घर जाकर बर्तन देखे तो दंग रह गए। खाने के बर्तन में मृत छिपकली के टुकड़े पड़े थे।
बिजली जाने से नहीं समझ पाई थी मां : स्वजन ने बताया कि सब्जी पकाते समय अचानक बिजली चली गई थी, जिससे मां को सब्जी में छिपकली गिरने का पता नहीं चला। सब्जी पकने के कुछ देर बाद भाई-बहन को मां ने थाली में सब्जी व रोटी परोस कर खाने को दी थी। हालत बिगड़ने के बाद स्वजन व पड़ोसियों ने सब्जी भरे भगोने में छिपकली के टुकड़े देखे हैं। दिवंगत बच्ची के नाना मुख्त्यार ने उसके पिता साउदी अरब में नौकरी करते हैं। जबकि दोनों भाई-बहन गांव में अपनी मां के साथ थे।
-छिपकली की त्वचा में जहर ज्यादा होता है। यदि वह खाने-पीने वाली किसी सामाग्री में गिर जाए। उसे बाद में पका दिया जाए तो खाद्य पदार्थ जहरीला बन सकता है। जिसको खाने से किसी की जान भी जा सकती है। पलटी, चक्कर आना, पेट खराब होने आदि के शुरुआती लक्षण प्रकट होते हैं। -डा. शैलेंद्र यादव व करन राजपूत प्रवक्ता मेडसिन विभाग रानीदुर्गावती मेडिकल कालेज