लखनऊ। राज्य सम्मेलन (National Convention) के बाद गुरुवार 29 सितंबर को समाजवादी पार्टी का 11वां राष्ट्रीय सम्मेलन होगा। अखिलेश यादव लगातार तीसरी बार राष्ट्रीय अध्यक्ष चुने जाएंगे। इसके साथ ही सपा वर्ष 2024 के लोकसभा चुनाव के लिए पार्टी की रणनीति को अंतिम रूप देगी। राष्ट्रीय सम्मेलन भी रमाबाई अंबेडकर मैदान में होगा। इसमें सबसे पहले राष्ट्रीय अध्यक्ष का चुनाव होगा।
प्रो. रामगोपाल यादव हैं चुनाव अधिकारी
चुनाव अधिकारी व राष्ट्रीय प्रमुख महासचिव प्रो. रामगोपाल यादव यह चुनाव भी संपन्न कराएंगे। इसके अलावा गुरुवार को भी राजनीतिक-आर्थिक प्रस्ताव पास किया जाएगा। सपा कैसे और किन मुद्दों को लेकर चुनावी रण में उतरेगी, उसके प्रस्ताव पर अंतिम मुहर लगेगी। प्रदेश में जातिगत जनगणना कराने और आरक्षण की सिफारिशों को लागू करने के मुद्दे को आक्रामक तरीके से उठाएगी।
भाजपा सरकार पर अखिलेश ने बोला था हमला
बता दें कि अखिलेश यादव ने कहा था कि सरकारी नौकरियों में बहुजन को मिले आरक्षण के संवैधानिक अधिकार से सरकार छेड़छाड़ कर रही है। सरकार जानबूझ कर सरकारी संस्थाएं ध्वस्त कर रही है, ताकि व्यवस्थाओं का निजीकरण किया जा सके। सपा ने 2019 के लोकसभा चुनाव में ऐतिहासिक फैसला लिया था।
सत्ता में बैठे लोग कर रहे अपनी शक्तियों का दुरुपयोग
बहुजन समाज की ताकत को एक मंच पर लाने का प्रयास किया था। समाजवादियों ने हर स्तर पर त्याग किया। डा.अम्बेडकर और लोहिया के सपने को साकार करने की कोशिश की थी। समाजवादी लोग बड़ी जीत चाहते थे लेकिन सत्ता में बैठे लोगों ने अपनी शक्तियों का दुरुपयोग किया। 2022 के चुनाव में समान विचार धारा के लोगो को एक मंच पर लाए। सत्ता नहीं मिली लेकिन वोट प्रतिशत जरूर बढ़ा है। सिर्फ सपा ही साम्प्रदायिक ताकतों को रोक सकती है।
सत्ता में आई सपा सर्व समाज को करेगी शिक्षित (National Convention)
अखिलेश यादव ने कहा कि रविदास मेहरोत्रा जैसे नेता जनहित के लिए लगातार जेल जाते रहे हैं। यही समाजवादी पार्टी की थाती है। सपा का सपना है समाज को बांटने वाली ताकतों को सत्ता से बाहर करेंगे। उन्होंने समाजवादी सरकार के कार्यकाल की उपलब्धियां भी गिनाईं थी। इतना ही नहीं उन्होंने यह भी कहा था कि जब भी सत्ता में आयेंगे किसानो के लिए काम करेंगे। सर्व समाज को शिक्षित करेंगे। सपा सरकार ने जो काम किया था उससे आगे भाजपा सरकार कुछ नहीं कर पाई है। इस दौरान भाजपा पर हमलावर होते हुए अखिलेश ने मेट्रो, नदियों की सफाई आदि का मुद्दा भी उठाया था।