लखनऊ। गन्ना मंत्री लक्ष्मी नारायण चौधरी ने कहा है कि पेराई सत्र 2021-22 का अभी 25 प्रतिशत गन्ना मूल्य भुगतान बकाया है। अवशेष गन्ना मूल्य का भुगतान चीनी मिलों को त्वरित गति से करना होगा, जो चीनी मिलें इसमें हीलाहवाली करेंगी, उनके विरुद्ध प्राथमिकी दर्ज कराकर बकाया गन्ना मूल्य भुगतान के लिए वसूली प्रमाणपत्र जारी किए जाएंगे। वहीं, भुगतान में लापरवाह चीनी मिलों को आवंटित गन्ने में भी कटौती की जाएगी।
गन्ना विकास विभाग ने भुगतान के मुद्दे पर सख्त रुख अपनाया है। लाल बहादुर शास्त्री गन्ना किसान संस्थान के सभागार में बुधवार को गन्ना मंत्री की अध्यक्षता में चीनी मिलवार गन्ना मूल्य भुगतान की समीक्षा में चौधरी ने कहा कि सरकार चीनी मिलों को समय से भुगतान करने के लिए सभी जरूरी सुविधाएं दे रही है, ऐसी स्थिति में चीनी मिलों को भी किसानों को प्राथमिकता के आधार पर गन्ना मूल्य भुगतान करना होगा।
उन्होंने कहा कि चीनी मिले टैगिंग आदेश का अनुपालन करें, कोई भी मिल चीनी के विक्रय से मिलने वाली धनराशि का दूसरे कार्य में उपयोग करती है तो इसे बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। गन्ना मंत्री ने आगामी पेराई सत्र 2022-23 के लिए पारदर्शी व समयबद्ध गन्ना सर्वेक्षण पूर्ण कराने के लिए निर्देश दिए।
गन्ना राज्यमंत्री संजय गंगवार ने चीनी मिलों व विभागीय अधिकारियों को पेराई सत्र के दौरान घटतौली पर प्रभावी अंकुश लगाने व गन्ने की कालाबाजारी करने वाले अराजकतत्वों पर सख्त कार्यवाही करने के निर्देश दिए। उन्होंने शहर के मध्य स्थित चीनी मिलों को आबादी से दूर केनयार्ड की स्थापना व पर्यावरण के मानकों का अनुपालन करने के लिए भी निर्देशित किया।
समीक्षा बैठक में अपर मुख्य सचिव, चीनी उद्योग व गन्ना विकास विभाग संजय आर. भूसरेड्डी ने मंत्री को आश्वस्त किया कि विभाग सरकार के लोक कल्याण संकल्प-पत्र व 100 दिवसीय कार्ययोजना के अनुरूप हर संभव प्रयास कर निर्धारित लक्ष्यों की पूर्ति की जाएगी। बैठक में गन्ना विकास विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ यूपी शुगर मिल्स एसोसिएशन के महासचिव व चीनी मिलों के मुख्य वित्त अधिकारी आदि उपस्थित थे।