आज यानी बुधवार को मद्रास हाई कोर्ट के अनुमति के खिलाफ (RSS Rally) तमिलनाडु सरकार की अपील पर सुप्रीम कोर्ट ने राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) को राज्य में रुट मार्च निकालने पर सुनवाई के लिए सहमत हो गए हैं। मद्रास हाई कोर्ट द्वारा 10 फरवरी को RSS को पुनर्निर्धारित तिथियों पर तमिलनाडु में अपना रूट मार्च निकालने की अनुमति दे दी थी और कहा था कि स्वस्थ लोकतंत्र के लिए इस तरह के विरोध रैली बेहद जरुरी हैं।
मुख्य न्यायाधीश डी वाई चंद्रचूड़ और न्यायमूर्ति PS नरसिम्हा की पीठ ने राज्य सरकार की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता मुकुल रोहतगी की दलीलों पर ध्यान दिया कि याचिका पर तुरंत सुनवाई करने की जरूरत है क्योंकि रैली 5 मार्च से शुरू होने वाली है। इसलिए इसपर सुनवाई होना बेहद जरुरी हैं|
याचिका में तमिलनाडु सरकार ने क्या कहा?
राज्य सरकार के ओर से पेश हुए अधिवक्ता जोसेफ अरस्तू के माध्यम से दायर याचिका में कहा गया है कि इस तरह के आयोजन से राज्य में कानून व्यवस्था की समस्या पैदा होगी। (RSS Rally) राज्य सरकार ने कहा कि वह संविधान के अनुच्छेद 19 (2) के तहत जनहित में नागरिकों के बोलने की आजादी और सभा करने के मौलिक अधिकारों पर उचित प्रतिबंध लगा सकता है।
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आखिर क्या है विवाद
आपको बता दें कि बीते साल 2 अक्टूबर को राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) ने एक रैली निकालने का एलान किया था। जिसके बाद तमिलनाडु सरकार ने RSS को रूट मार्च आयोजित करने की अनुमति देने से इनकार कर दिया। (RSS Rally) इसके बाद RSS ने हाई कोर्ट का रुख किया था। फिलहाल अब ये मामला सुप्रीम कोर्ट पहुंच गया है और सुप्रीम कोर्ट द्वारा 5 मार्च को इस मामले पर सुनवाई की जाएगी|