कोलंबो: श्रीलंका: भारत ने शनिवार को मीडिया में आई उन खबरों को तथ्यात्मक रूप से गलत बताते हुए खारिज कर दिया, जिसमें दावा किया गया था कि नई दिल्ली ने श्रीलंका को अपनी एक अरब डालर की क्रेडिट लाइन के तहत वाटर कैनन व्हीकल की आपूर्ति की थी।
संकट से समय मदद के लिए दिया कर्ज
सरकार ने कहा कि श्रीलंका के सामने चल रही चुनौतियों का सामना करने के लिए सहयोग और रचनात्मक योगदान देने की जरूरत है। लेकिन उसकी इस तरह के अभियान चलाने से उसका भला नहीं होना है। उच्चायोग ने दोहराया कि श्रीलंका को एक अरब अमेरिकी डालर (करीब 77 अरब रुपये) की क्रेडिट लाइन का उद्देश्य संकट के समय में अपने नागरिकों को भोजन, दवाओं और अन्य आवश्यक वस्तुओं की मदद करना है।
भारतीय उच्चायोग ने ट्वीट कर दी सफाई
भारतीय उच्चायोग ने एक ट्वीट में कहा कि ये रिपोर्ट तथ्यात्मक रूप से गलत है। भारत ने क्रेडिट लाइन के तहत वाटर कैनन वाहनों की आपूर्ति नहीं की है। उच्चायोग ने एक बयान भी जारी किया जिसमें भारत द्वारा श्रीलंका को एक अरब अमेरिकी डालर के रियायती ऋण के तहत आपूर्ति की गई वस्तुओं का विवरण दिया गया है। श्रीलंका की खाद्य, स्वास्थ्य और ऊर्जा सुरक्षा को मजबूत करने के लिए, भारत सरकार ने 17 मार्च को भारतीय स्टेट बैंक के माध्यम से श्रीलंका सरकार को एक अरब डालर का रियायती ऋण दिया था।
अभूतपूर्व आर्थिक संकट का सामना कर रहा है श्रीलंका
गौरतलब है कि मौजूदा वक्त में श्रीलंका अभूतपूर्व आर्थिक उथल-पुथल के दौर से गुजर रहा है। पूरे देश में हजारों लोग सड़कों पर सरकार विरोधी प्रदर्शन कर रहे हैं। स्थिति यह है कि सरकार के पास महत्वपूर्ण आयात के लिए पैसे खत्म हो गए हैं। जिसके चलते आवश्यक वस्तुओं की कीमतें आसमान छू रही हैं। साथ ही ईंधन, दवाओं और बिजली की आपूर्ति में भारी कमी का सामना करना पड़ रहा है।