पंचकूला- प्रदेश के राजकीय स्कूलो के विद्यार्थियो को ई-अधिगम योजना के तहत (E-Learning) टैबलेट दिए गए लेकिन अभी तक शत प्रतिशत विद्यार्थी और शिक्षक ई-अधिगम को नही अपना पाए। विद्यार्थी और शिक्षकों की रूचि ई-अधिगम में बढाने के लिये शिक्षा विभाग द्वारा योजना बनाई गई है।
इस संबंध में जानकारी देते हुये मुख्यमंत्री सुशासन सहयोगी अनुकूल त्रिपाठी ने बताया कि गर्मी की छुट्टियों में टैबलेट पर पीएल सॉफ्टवेयर में काम करने वाले 100 विद्यार्थी और शिक्षकों को समर चैलेंज हीरो के खिताब से नवाजा जाएगा। टैबलेट के इस सॉफ्टवेयर में काम करने वाले उत्कृष्ट विद्यार्थी और शिक्षकों का चयन निदेशालय स्तर पर किया जाना है। निदेशालय में भेजी जाने वाली रिर्पोट को चयन का आधार बनाया जाएगा।
समर वेकेशन में टैबलेट पर विद्यार्थियो का काम सप्ताह में दो बार काम करना आवश्यक है। शिक्षकों को सप्ताह में एक बार गृह कार्य देना होगा। शिक्षकों द्वारा टैबलेट पर कार्य देने के बाद गु्रप मे भी शेयर करना होगा। उन्होंने बताया कि इसका मकसद विद्यार्थियों के साथ शिक्षकों की रूचि टैबलेट पर पढाई करवाना है। (E-Learning) उन्होंने बताया कि शिक्षा विभाग द्वारा निर्देश दिए गए है कि ई-अधिगम कार्यक्रम के अन्र्तगत विद्यार्थीयों व शिक्षकों को ग्रीष्मकालीन कार्य आवंटित किया जाए। अब स्कूलो में एक से 30 जून तक अवकाश कर दिए गए है।
ग्रीष्मकालीन अवकाश के दौरान पीएल का लगातार और प्रभावी उपयोग किया जाए। शिक्षा विभाग की ओर से समर हीरो चैलेंज शुरू किया है। इस चैलेज में विद्यार्थी और शिक्षकों को 5 से 30 जून तक वन स्कूल पीएल एप्लीकेशन पर कार्य पूरे करने है।
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विभाग ने दो भागो में बांटा अभियान
त्रिपाठी ने बताया कि शिक्षा विभाग ने इस अभियान को दो विभागों में विभाजित किया है। ए में शिक्षक शामिल किए गए और बी में विद्यार्थियों को लिया गया है। शिक्षकों को प्रति सप्ताह प्रति विषय विद्यार्थियों को दो ग्रह कार्य देने है। विद्यार्थियों को प्रति सप्ताह प्रति विषय एक होमवर्क पूरा करना है। (E-Learning) ये कार्य दूसरे प्रोजेक्ट से अलग रखे जाएगें। इस प्रोजेक्ट के कही अंक भी नही जोडे जाएगे। चैलेज पूरा करने वाले चयनित 100 विद्यार्थी को समर पीएल हीरो स्टूडेट का खिताब दिया जाएगा। इसी तरह समर पीएल टीचर को भी सम्मान दिया जाएगा। 50 शिक्षकों का चयन ही किया जाना है। डीईओ वी.के.कौशिक का कहना है कि योजना के बारे में बीईओ को बताया गया है। इनके माध्यम से स्कूलो में मैसेज भेजे गए है, जिससे अधिक से अधिक विद्यार्थियों को इस चैलेज में भाग लेने का मौका मिले।