लखनऊ। बेसिक शिक्षा परिषद के विद्यालयों में कार्यरत शिक्षामित्रों व अनुदेशकों की संविदा अवधि में बदलाव किया गया है। दोनों की सेवाएं अब 16 जून से अगले वर्ष 31 मई तक प्रभावी रहेंगी। दिसंबर से जनवरी माह में होने वाला शीतकालीन अवकाश दोनों की सेवाओं में नहीं जोड़ा जाएगा। शिक्षामित्र व अनुदेशक 11 माह कार्यरत रहेंगे और इतने ही महीनाें का मानदेय दिया जाएगा।
परिषदीय प्राथमिक व उच्च प्राथमिक विद्यालयों का शैक्षिक सत्र पहली अप्रैल से 31 मार्च तक तय है, लेकिन गर्मी की छुट्टियों में बदलाव किया गया, साथ ही शीतकालीन अवकाश भी शुरू हुआ। इसकी वजह से शासन ने शिक्षामित्रों व अनुदेशकों की संविदा अवधि बदल दिया है। बेसिक शिक्षा के विशेष सचिव आरवी सिंह की ओर से जारी आदेश में कहा गया है कि अब दोनों की सेवाएं 16 जून से शुरू होकर अगले साल 31 मई तक रहेंगी।
इस दौरान 31 दिसंबर से 14 जनवरी तक स्कूलों में शीतकालीन अवकाश रहेगा। निर्देश है कि शिक्षामित्रों व अनुदेशकों की सेवाओं में शीतकाल अवकाश की गणना न की जाए। ज्ञात हो कि पहले शिक्षामित्र व अनुदेशकों की सेवाएं पहली जुलाई से 31 मई तक रहती थी।
प्राथमिक विद्यालयों में करीब एक लाख 48 हजार शिक्षामित्र कार्यरत हैं, जबकि उच्च प्राथमिक विद्यालयों में 30 हजार अनुदेशकों की तैनाती है। विशेष सचिव का यह भी निर्देश दिया है कि हर शैक्षिक सत्र के दौरान शिक्षामित्र का कार्य व आचरण संतोषजनक नहीं है तो ग्राम शिक्षा समिति 31 मई तक तथ्यपरक आपत्ति बेसिक शिक्षा अधिकारी को उपलब्ध कराए, बीएसए सभी प्रस्तावों को पांच जून तक जिलाधिकारी के समक्ष रखेंगे।
यदि डीएम संतुष्ट हो जाएं कि शिक्षामित्र ने कर्त्तव्य निभाने में शिथिलता बरती है तो उस शिक्षामित्र का नवीनीकरण नहीं किया जाएगा। अन्यथा 16 जून से सभी शिक्षामित्रों का स्वत: नवीनीकरण हो जाएगा। विभाग को हर हाल में 15 जून तक निर्णय करना होगा।
इसी तरह से अंशकालिक अनुदेशकों की नवीनीकरण की कार्यवाही हर वर्ष संविदा खत्म होने के एक माह पहले जरूर शुरू कर दी जाए। 31 मई तक अनुदेशकों का नवीनीकरण न होने पर बेसिक शिक्षा अधिकारी जवाबदेह होंगे और संबंधित अनुदेशक का स्वत: नवीनीकरण माना जाएगा। 31 मई से 15 जून के बीच अनुबंध पूरा कराना अनिवार्य होगा।