यूपी के देवरिया में छात्राओं से छेड़खानी के आरोपी एक महाविद्यालय के प्राचार्य(Principle) राजेश भारती को सदर कोतवाली पुलिस ने रविवार को गिरफ्तार कर लिया। पूछताछ के बाद मेडिकल कराकर उसे न्यायालय में पेश किया गया, जहां से कोर्ट ने जेल भेज दिया। प्राचार्य पर सदर कोतवाली पुलिस ने शनिवार को छेड़खानी का केस दर्ज किया था। उच्च शिक्षा निदेशालय ने उसके निलंबन की कार्रवाई भी शुरू कर दी है।
जिले के एक महाविद्यालय के प्राचार्य राजेश भारती पर कॉलेज की छात्राओं को आवास पर बुलाने और गलत तरीके से छूने का आरोप कुछ छात्राओं ने लगाया था। यही नहीं, प्राचार्य के आवास से निकलकर उनकी गाड़ी से रवाना होती एक युवती का वीडियो भी वायरल हुआ था।
जांच टीम ने छात्राओं और शिक्षकों के बयान लिए
महाविद्यालय के प्राचार्य(Principle) द्वारा छात्राओं से छेड़खानी के मामले की जांच शुरू हो गई है। जिला स्तरीय जांच टीम ने रविवार को कॉलेज में पहुंच कर छात्राओं और शिक्षकों के बयान लिए। जांच में प्राचार्य पर लगे आरोप प्रथम दृष्टया सही पाए गए हैं। ऐसे में आरोपी प्राचार्य के खिलाफ अन्य विभागीय कार्रवाई भी तय है।
प्राचार्य(Principle) पर छेड़खानी का आरोप लगने के बाद डीएम जितेंद्र प्रताप सिंह ने शनिवार को सहायक निर्वाचन अधिकारी/अपर उप जिलाधिकारी मंजूर अहमद के नेतृत्व में एक जिला स्तरीय जांच टीम गठित की थी। इस टीम में सीओ सदर, जिला दिव्यांग सशक्तिकरण अधिकारी मीनू सिंह, प्रभारी सह जिला विद्यालय निरीक्षक महेंद्र प्रसाद बतौर सदस्य शामिल हैं। रविवार को करीब दस बजे जांच टीम कॉलेज पहुंची। टीम के सदस्यों ने कालेज में शिक्षकों को बुलाकर उनके बयान लिए। सूत्रों की मानें तो कालेज की वर्तमान प्राचार्य समेत सात शिक्षकों ने हटाए गए आरोपित प्राचार्य के खिलाफ बयान दिया। दो शिक्षकों ने मामले से अनभिज्ञता जताई है। बाहर होने के चलते एक शिक्षक का बयान जांच टीम के सामने दर्ज नहीं किया हो सका। वहीं कालेज की करीब आधा दर्जन छात्राओं से भी जांच टीम ने बयान लिया। सभी से लिखित बयान लिया गया। टीम ने मौका मुआयना कर हालात को समझने का प्रयास भी किया। कुछ देर रुकने के बाद जांच टीम वापस लौट गई। दोपहर में कालेज की वर्तमान प्रिंसिपल कुछ और कागजातों के साथ जांच टीम के प्रमुख सहायक निर्वाचन अधिकारी के कार्यालय पहुंची। कुछ और बातें टीम के सदस्यों के साथ साझा किया। टीम ने रविवार की देर शाम अपनी जांच रिपोर्ट डीएम को सौंप दिया। रिपोर्ट में प्राचार्य प्रथम दृष्टया दोषी पाए गए हैं।
हटाए गए प्राचार्य की पहले भी हुई थी शिकायत
हटाए गए आरोपित प्राचार्य(Principle) पर पहले भी गंभीर आरोप लगने की बात सामने आ रही है। सूत्रों की मानें तो विगत वर्ष एक जनप्रतिनिधि और उच्च शिक्षा निदेशालय से उनकी शिकायत हुई थी। तब मामले में कुछ खास कार्रवाई नहीं हो पाई। इस वर्ष अप्रैल माह के अंतिम दिन भी एक पत्र उच्च शिक्षा निदेशक को भेजा गया था। इसकी प्रति मुख्यमंत्री और राज्य महिला आयोग को भी गई थी।
अर्जेंट के नाम पर कुछ छात्राओं को कॉलेज बुलाया
आरोपित पूर्व प्राचार्य(Principle) के हवाले से शनिवार की शाम एक मैसेज वायरल हो गया। कालेज की छात्राओं से रविवार को सुबह नौ बजे कालेज में पहुंचने को कहा गया। रविवार को 60-70 छात्रायें कालेज पहुंच भी गईं। अंदर जिलास्तरीय जांच टीम के अधिकारी जांच कार्य में जुटे हुए थे। छुट्टी का दिन होने के बावजूद छात्राओं को कालेज में पाकर शिक्षक और प्राचार्य ने छात्राओं से आने का कारण पूछा तो छात्राओं ने अर्जेंट मैसेज मिलने की बात बताई। कालेज पहुंची छात्राओं ने बताया कि मैसेज पढ़कर समझीं कि प्रैक्टिकल के संबंध हटाए गए प्राचार्य कुछ बताने के लिए बुलाए हैं। इस पर वर्तमान प्राचार्य ने छात्राओं से छुट्टी की बात कहते हुए घर जाने को कहा। जिसके बाद सभी छात्राएं घर चली गईं।
वित्तीय अनियमितता का आरोप लगाया
महाविद्यालय के एक शिक्षक ने हटाए गए प्राचार्य(Principle) पर वित्तीय अनिमितता का आरोप भी लगाया है। उनका कहना था कि निदेशक से भी मामले की शिकायत की गई थी। रुसा के दो करोड़ रुपये कहां खर्च हुए किसी को नहीं पता।