सिरसा।।(सतीश बंसल इंसां )केएल थियेटर (Drama) प्रोडक्शंस द्वारा इस वर्ष दस सालों का सफर पूरे होने की खुशी में 17 अक्टूबर 2023 से 23 अक्टूबर 2023 तक, चौथे अनुभव रंगमहोत्सव के अंतर्गत चल रहे दस साल दस नाटक कार्यक्रम के दूसरे दिन राजकीय नैशनल महाविद्यालय, सिरसा में अलग-अलग दो नाटकों का मंचन हुआ। जिसमें सुबह के समय नाटक निर्देशक कर्ण लढा के निर्देशन में नाटक मिट्टी रुदन करे का मंचन हुआ। इस दौरान एडीजीपी हिसारए श्रीकांत जादव बतौर मुख्यातिथि के रूप में मौजूद रहे।
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नाटक (Drama) मंचन के माध्यम से नशे से दूर रहने का संदेश दिया गया। बहुत ही मार्मिक दृश्यों ने दर्शकों को भावुक किया और संदेश दिया कि एक नशे की लत किस तरह से एक हंसते-मुस्कुराते परिवार को बर्बाद कर देती है। मुख्यतिथि के रूप में मौजूद एडीजीपी हिसारए श्रीकांत जादव ने अपने वक्तव्य के माध्यम से कहा कि कलाकारों ने नाटक के माध्यम से बहुत ही बेहतरीन तरीके से नशे से दूर रहने का संदेश दिया है। इस तरह के नाटकों का मंचन युवाओं के बीच होते रहना चाहिए। और दूसरे स्तर शाम को महाकवि काली दास द्वारा लिखित व नाटक निर्देशक कर्ण लढा द्वारा निर्देशित नाटक अभिज्ञान शकुंतलम का मंचन हुआ।
इस दौरान महाविद्यालय के प्राचार्य प्रो. संदीप गोयल मुख्यतिथि के रूप में मौजूद रहे। नाटक अभिज्ञान शकुंतलम के मंचन से राजा दुष्यंत और शकुंतलम की कहानी को बखूबी दर्शाया गया। मुख्यतिथि के रूप में मौजूद महाविद्यालय के प्राचार्या प्रो. संदीप गोयल ने कहा कि केएल थियेटर प्रोडक्शंस के निर्देशक कर्ण लढा के निर्देशन में प्रत्येक नाटक बहुत ही बेहतरीन होते हैं। तीसरे दिन चौधरी देवीलाल विश्वविद्यालय, सिरसा के सभागार में कर्ण लढा द्वारा निर्देशित नाटक मुक्तिधाम का मंचन हुआ। चौ. देवीलाल विश्वविद्यालय, सिरसा युवा कल्याण निदेशालय के निदेशक डा. मंजू नेहरा इस दौरान बतौर मुख्यातिथि के रूप में मौजूद रहे।
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नाटक (Drama) के माध्यम से दिखाया गया कि हर मां-बाप अपने बच्चों के जन्म लेने से पहले ही उन्हें डॉक्टर, इंजिनियर बनाने के सपने देखते हैं, लेकिन ऐसी कोई औलाद नहीं देखी, जो अपने मां-बाप की बुढ़ापे वाली कसमकश भरी जिंदगी के लिए पैसे जमा करें। लेकिन असल में उन्हें पैसे की नहीं, उन्हें जरूरत होती है, थोड़े प्यार की, थोड़े वक्त की, अगर ये सब उन्हें मिल जाए तो वे खुशी-खुशी इस संसार से मुक्त हो जाते हैं। डा. मंजू नेहरा ने अपने वक्तव्य के माध्यम से कहा कि कर्ण लढा के निर्देशन में प्रस्तुत नाटक मुक्ति धाम आज के युवाओं के लिए बहुत ही संदेशात्मक नाटक है और कहा कि कलाकारों ने बहुत ही मार्मिक दृश्यों के माध्यम से प्रत्येक दर्शक को भावुक किया और अपने मां बाप के प्रति अपने फर्जों के बारे में सोचन किया है।