लखनऊ। चौतरफा घिरे पूर्व विधायक मुख्तार अंसारी की मुसीबतें कम नहीं हो रही हैं। गुरुवार को उनके बेटे विधायक अब्बास अंसारी की जमानत अर्जी खारिज हो गई। वर्ष 2012 में लखनऊ से जारी शस्त्र का लाइसेंस बगैर सूचना दिए नई दिल्ली के पते पर स्थानांतरित कराने के मामले में अभियुक्त अब्बास अंसारी की अग्रिम जमानत अर्जी एमपी-एमएलए की विशेष सत्र अदालत ने खारिज कर दी है।
विशेष जज हरबंश नारायण ने अपने आदेश में कहा है कि अभियुक्त के खिलाफ सात आपराधिक मामले दर्ज है। इस मामले में गिरफ्तारी वारंट भी जारी है। लिहाजा ऐसी परिस्थिति में अर्जी स्वीकार करने योग्य नहीं है। बीती 14 जुलाई को एमपी-एमएलए की विशेष मजिस्ट्रेट कोर्ट ने इस मामले में अभियुक्त अब्बास अंसारी के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी करने का आदेश दिया था।
मऊ सदर से विधायक निर्वाचित हुए अब्बास अंसारी पूर्व विधायक मुख्तार अंसारी के पुत्र हैं। 12 अक्टूबर, 2019 को इस मामले की एफआइआर प्रभारी निरीक्षक अशोक कुमार सिंह ने थाना महानगर में दर्ज कराई थी। विवेचना के दौरान पुलिस ने दो राइफल, तीन 12 बोर का गन, एक रिवाल्वर व एक पिस्टल के साथ ही विभिन्न बोर के चार हजार 431 कारतूस व मैगजीन आदि बरामद किए थे। 24 दिसंबर, 2020 को इस मामले में अभियुक्त अब्बास अंसारी के खिलाफ आइपीसी की धारा 420, 467, 468 व 471 के साथ ही शस्त्र अधिनियम की धारा 30 के तहत आरोप पत्र दाखिल किया गया था।
जमीन का फर्जी बैनामा करने के मामले में अभियुक्त की जमानत अर्जी खारिज : एक महिला की जमीन का बैनामा फर्जी महिला के जरिए कराने के मामले में निरुद्ध अभियुक्त गुरुचरन की जमानत अर्जी सत्र अदालत ने खारिज कर दी है। प्रभारी जज अनुरोध मिश्र ने प्रथम दृष्टया इसके अपराध को गंभीर करार दिया है।
सरकारी वकील अरुण पांडेय के मुताबिक अभियुक्त इस फर्जी बैनामे का गवाह है। इस जमीन को हाइटेक ग्रीन सिटी को बेच दिया गया था। इसके बाद कम्पनी ने कई अन्य लोगों को बेच दिया। 21 सितंबर, 2021 को इसकी एफआइआर शांति देवी ने थाना नगराम में दर्ज कराई थी।