इस्लामाबाद। आर्थिक रूप से खस्ताहाल पाकिस्तान में ईधन की कमी और कुछ पावर प्लांटों के बंद होने से बिजली संकट की स्थिति पैदा हो गई है। रमजान के दौरान 10 से 12 घंटे तक बिजली गुल रह रही है। पाकिस्तान के कराची, हैदराबाद, रावलपिंडी, लाहौर, फैसलाबाद और सियालकोट जैसे शहरों में चार से 10 घंटे और ग्रामीण क्षेत्र में 10 से 12 घंटे बिजली की कटौती हो रही है। बिजली विभाग के अधिकारियों ने कहा, ‘बढ़ी हुई मांग के अनुपात में पनबिजली से उत्पादन कम हो रहा है।
देश में बिजली की उत्पादन क्षमता
तापमान बढ़ने के कारण व्यस्त समय में बिजली की मांग 19,000 मेगावाट तक हो गई है। इससे बिजली की उपलब्धता का संकट पैदा हो गया है।’ दिन में 16,000 मेगावाट बिजली की मांग रहती है। आधिकारिक ब्योरे के मुताबिक, दिन के समय 12,000 मेगावाट और इफ्तार से सहरी के बीच के व्यस्त समय में 16,000 मेगावाट बिजली का उत्पादन हो रहा है। देश के पास 39,000 मेगावाट से ज्यादा बिजली उत्पादन की क्षमता है।
कौन-कौन से शहर हैं बुरी तरह प्रभावित
कराची, हैदराबाद, रावलपिंडी, लाहौर, फैसलाबाद और सियालकोट जैसे सभी शहरी केंद्र 4-10 घंटे लोड-शेडिंग और ग्रामीण क्षेत्रों में 10-12 घंटे के साथ बुरी तरह प्रभावित हुए हैं। वहीं कराची में, राष्ट्रीय ग्रिड से बिजली आपूर्ति में 300 मेगावाट की कमी के कारण 3-4 घंटे का लोड-शेडिंग चल रहा है।
सिंध में, लोड-शेडिंग वर्तमान में 10-12 घंटे हो गई है, जबकि रावलपिंडी में 4-5 घंटे से अधिक समय तक बिजली गुल रहती है। लाहौर और उसके उपनगरों बात करें तो यहां पर लोड-शेडिंग 4-10 घंटे होती है। एमईपीसीओ के अधिकार क्षेत्र में बिजली कटौती का समय बढ़कर 12 घंटे हो गया है। बलूचिस्तान में बिजली की 10-12 घंटे कटौती हो रही है। वहीं खैबर पख्तूनख्वा में 6-12 घंटे से बिजली गुल रहती है। (रमजान)
पाकिस्तान बुरी तरह से बिजली की कमी का सामना कर रहा है। पूरे देश में तमाम मुश्किलों के बीच बिजली संकट तेज हो गया है। ईधन की कमी और तकनीकी बाधाओं के कारण देश गंभीर बिजली संकट का सामना कर रहा है।
वहीं पाकिस्तान में गैस, कोयला और फर्नेस आयल पर चलने वाले कई बिजली संयंत्रों को बंद कर दिया गया है। देश में ईंधन की कमी और अन्य तकनीकी नुकसानों के कारण कई बिजली संयंत्रों के बंद होने के कारण भारी बिजली की कमी हो गई है, जिसके परिणामस्वरूप हर दिन 10-12 घंटे तक बिजली गुल रहती है। देश के लोगों को बिजली की भारी किल्लत से जूझ रहा है।