नई दिल्ली। एक्सरसाइज: घुटनों पर बॉडी का पूरा भार टिका होता है। ये हमारी बॉडी का सबसे बड़ा ज्वॉइंट है और एक्टिविटीज़ कोई भी हो इसका सबसे ज्यादा इस्तेमाल होता है। जिसकी वजह से जोड़ों में दर्द की शिकायत बहुत आम हो चुकी है। 30 की उम्र पार करते ही मसल मास और घुटनों की स्ट्रेंथ कम होने लगती है। ऐसे में इनकी स्ट्रेंथ बनाए रखने के लिए ये एक्सरसाइजेस बहुत फायदेमंद साबित हो सकती हैं।
1. स्टैंडिंग हैमस्ट्रिंग कर्ल
यह एक्सरसाइज हैमस्ट्रिंग और ग्लूट्स को मजबूत बनाने का काम करती है। पैरों की स्पीड भी घुटनों को मजबूत करने में मदद करती है।
जानिए इसे करने का तरीका
– अपने पैरों को पूरा खोलकर बिल्कुल सीधे पोजीशन में खड़े हो जाएं और अपने दोनों हाथों को अपने कूल्हों पर रखें।
– अब अपने घुटनों को धीरे-धीरे मोड़ें और एड़ी को बट की ओर ले जाएं जब तक कि यह 90 डिग्री का एंगल न बना लें। ध्यान रखें कि इस दौरान आपकी थाई सीधी होनी चाहिए।
– इसी पोजीशन में कम से कम दो सेकेंड के लिए रुकें और फिर पैर को वापस जमीन पर लाएं।
– एक बार पूरा करने के बाद दूसरे पैर से इस पूरे प्रोसेस को दोहराएं, इस एक्सरसाइज के कम से कम 20 रिपिटीशंस जरूर करें।
2. सिंगल लेग ग्लूट ब्रिज
यह एक्सरसाइज ग्लूट्स की बाकी मांसपेशियों को मजबूत बनाने का काम करती है। एक पैर उठाने से हैमस्ट्रिंग और पीठ के निचले हिससे पर एक्स्ट्रा दबाव पड़ता है, जिससे यह एक्सरसाइज और इंटेस हो जाती है।
जानें इसे करने का तरीका
– जमीन पर पीठ के बल लेट जाएं और पैरों को एक-दूसरे से अलग करके खोल लें। बाएं घुटने को मोड़े और दूसरे पैर को जमीन पर सपाट रखें। इस दौरान आपाक दाहिना पैर सीधा होना चाहिए।
– सांस लें, ग्लूट्स को स्क्वीज करें और कूल्हों को ऊपर की ओर धकेलें। ऐसा करते हुए दाहिने पैर को ऊपर की ओर उठाएं। घुटने और कूल्हे एक सीध में होने चाहिए।
– दो-तीन सेकेंड सांस लेने के लिए रूकें और फिर कूल्हों को नीचे लाएं। ऐसा करते हुए यह तय करें कि आपकी बॉडी जमीन को न छुए। इस मूवमेंट को कम से कम 14-15 बार दोहराएं और फिर दूसरे पैर से इसको करें।
3. सिटिंग नी मार्च
सिटिंग नी मार्च क्वाड्रिसेप्स औऱ हैमस्ट्रिंग की मांसपेशियों को मजबूत करता है। इसे आपके घुटने भी मजबूत रहते हैं।
जानें इसे करने का तरीका
– अपनी पीठ को आराम देते हुए एक कुर्सी पर बैठ जाएं, आपके पैर एक-दूसरे से थोड़े अलग और फर्श पर सपाट होने चाहिए।
– अपने दाहिने पैर को चेस्ट की ओर उठाएं। पैर को बहुत ज्यादा न उठाएं। पैर को जमीन से सिर्फ एक फुट ही ऊपर करें।
– पैर को नीचे करें और दूसरे पैर के साथ ही करें। इससे 15-20 रिपिटीशंस करें।