Samagra Shiksha – (मोहाली) राज्य में सत्ता में आई आम आदमी पार्टी सरकार की हालत ऐसी हो गई है कि पंजाब की अफसरशाही मुख्यमंत्री भगवंत मान के आदेशों की अनदेखी कर रही है। पंजाब के मुख्यमंत्री द्वारा 2 साल पहले लिए गए फैसले के बाद आज तक उस पर कोई कार्रवाई नहीं हुई है। मुख्यमंत्री के लिखित फैसले को लागू करने के लिए कैबिनेट सब कमेटी और अधिकारियों के साथ तीन बार पैनल मीटिंग कर चुकी है और वित्त मंत्री हरपाल सिंह चीमा स्पष्ट आदेश दे चुके हैं लेकिन अभी तक कोई कार्रवाई नहीं हुई है।
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*क्या है मुख्य मांगे :
1. कर्मचारियों को CSR rules तहत रेगुलर किया जाए।
2. सितंबर 2020 से 5000/ प्रति माह की जा रही तनख्वा कटौती बिना किसी देरी के पूरी की जाए।*
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प्रेस बयान जारी करते हुए सर्व शिक्षा अभियान मिड डे मील दफ्तरी कर्मचारी यूनियन मोहाली के नेता जगमोहन सिंह, रमन कुमार और मैडम निशा ने कहा कि मुख्यमंत्री के फैसले के बाद कैबिनेट सब कमेटी ने कच्चे कर्मचारियों को पक्का करने, और तनख्वाह कटौती पूरी करने का फैसला लिया है। तनख्वाह कटौती पूरी करने के 3 बार आदेश दिए गए, लेकिन प्रदेश की अफसरशाही ने कर्मचारियों के मुद्दे पर कोई कार्रवाई नहीं की । (Samagra Shiksha)
यूनियन नेताओं ने कहा कि सरकार द्वारा कर्मचारियों की मांगों पर कोई कार्रवाई नहीं किये जाने से कर्मचारियों में आक्रोश है और सड़कों पे उतरने को मजबूर हैं। सरकार के समक्ष कर्मचारी अपना विरोध जताने के लिए जालंधर उपचुनाव के चलते 3 जुलाई को जालंधर के बाजारों में मार्च निकालेंगे और सरकार की कच्चे कर्मचारी विरोधी नीतियों को उजागर करेंगे।