कीव। विदेश मंत्री: रूस और यूक्रेन (russia-ukraine war) की जंग को दो माह पूरे हो चुके हैं। फिलहाल इसके थमने के आसार भी कम ही दिखाई दे रहे हैं। रूस लगातार यूक्रेन पर हमले तेज कर रहा है। इस बीच अमेरिका के विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन और रक्षा मंत्री लायड आस्टिन रविवार को कीव के दौरे पर जाने वाले हैं इस दौरान उनकी मुलाकात यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिने जेलेंस्की से होगी। रूस के साथ छिड़ी जंग के बीच ये पहला मौका है जब अमेरिकी मंत्री से जेलेंस्की की मुलाकात होगी।
हैवी वैपंस को लेकर होगी बात
ये मुलाकात मुख्यतौर पर यूक्रेन की अपील पर उसको दिए जाने वाले शक्तिशाली हथियारों को लेकर होनी है। हालांकि व्हाइट हाउस की तरफ से फिलहाल इन दोनों नेताओं के कीव दौरे की पुष्टि नहीं की है। पेंटागन ने भी इस बारे में कुछ भी जानकारी देने से साफ इन्कार कर दिया है। बता दें कि अमेरिकी मंत्रियों के दौरे की जानकारी यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की ने ही मीडिया से साझा की थी।
जेलेंस्की ने दी जानकारी
एक अंडरग्राउंड मेट्रो स्टेशन पर की गई प्रेस वार्ता में जेलेंस्की ने कहा था कि इस मुलाकात में वो अमेरिकी नेताओं से भारी हथियारों की डिलीवरी पर बात करेंगे। जेलेंस्की का कहना था कि रूस से मुकाबले के लिए यूक्रेन को हैवी वैपंस की जरूरत है। उन्होंने इस बात की भी उम्मीद जताई थी कि भारी हथियारों से यूक्रेन अपने खोए हुए इलाकों को दोबारा पाने में सफल हो जाएगा। इस दौरान उनहोंने ये भी माना था कि यूक्रेन के कुछ इलाके रूस ने अपने कब्जे में ले लिए हैं।
स्टील प्लांट पर हमले तेज
गौरतलब है कि राष्ट्रपति जेलेंस्की का ये बयान ऐसे समय में आया है जब मारीपुल में रूस ने स्टील प्लांट पर दोबारा हमले करने शुरू कर दिए हैं। इस प्लांट में करीब दो हजार से अधिक यूक्रेनी सैनिक मौजूद हैं। इन सैनिकों ने रूस के हथियार डाल कर समर्पण करने की अपील को खारिज कर दिया है। रूस ने इस प्लांट को चारों तरफ से घेर रखा है। रूस ने पहले इसके अंदर हमला करने से अपने जवानों को मना कर दिया था। रूस का कहना है कि भूख प्यास और हथियारों के न रहने पर उन्हें समर्पण करना ही होगा। लेकिन, अब मीडिया में आई खबर के मुताबिक रूस ने दोबारा इस पर हमले तेज कर दिए हैं। (विदेश मंत्री)
हजारों की जा चुकी है जान
रूस ने यूक्रेन को 24 फरवरी को पहली बार हमला किया था। तब से अब तक इस जंग में हजारों लोगों की जान जा चुकी है। यूक्रेन को इस जंग से अरबों डालर का नुकसान उठाना पड़ा है। वहीं दूसरी तरफ रूस (रूस में दवाओं की किल्लत) की सेना के भी कई वरिष्ठ अधिकारी समेत हजारों जवानों की जान इस युद्ध में जा चुकी है। इस युद्ध ने यूक्रेन के कई शहरों को मलबे में तब्दील कर दिया है। रूस ने कुछ शहरों पर कब्जे का भी दावा किया है। यहां पर आपको ये भी बता दें कि रूस ने दक्षिणी यूक्रेन को अपने कब्जे में कर लेने की बात भी कही है। अब रूस की कोशिश डोबास और क्रीमिया के बीच जमीनी संपर्क स्थापित करना है।
मिसाइल हमले आगे भी रह सकते हैं जारी
यूक्रेन का अनुमान है कि मारीपोल में हजारों की संख्या में नागरिक मारे गए हैं। संयुक्त राष्ट्र और रेड क्रॉस ने भी ऐसी ही आशंका जताई है। यूक्रेन के अधिकारियों के अनुसार संयंत्र में 1,000 से अधिक नागरिक भी हैं। दक्षिण यूक्रेन डोनबास और लुहान्स्क को औद्योगिक गढ़ माना जाता है। यूक्रेन की सेना ने अपने बयान में कहा है कि उन्होंने शनिवार को रूस के 12 हमलों को बेकार कर दिया और रूस के चार टैंकों, बख्तरबंद उपकरणों की पंद्रह इकाइयों और पांच तोपखाने प्रणालियों को भी नष्ट कर दिया। जेलेंस्की का कहना है कि रूस के पास मिसाइलों की कोई कमी नहीं है, इसलिए वो इसको आगे भी जारी रख सकते हैं।