होम्योपैथी उपचार और इसके महत्व के प्रति जागरूकता बढ़ाने के लिए बुधवार को दि सिरसा स्कूल के प्रांगण में विश्व होम्योपैथी दिवस (Homeopathy Day) मनाया गया। इस अवसर पर स्कूल में डा. चांदनी मित्रा पहुंची और उन्होंने विद्यार्थियों को होम्योपैथी चिकित्सा पद्धति के महत्व के बारे में विस्तार से बताया। विद्यार्थियों ने एक खास थीम के तहत स्कूल की प्रार्थना सभा में नृत्य, भाषण, कविता के माध्यम से अपने विचार प्रस्तुत किए, जिसका उद्देश्य स्वास्थ्य सेवा में होम्योपैथी के योगदान के बारे में जागरूकता पैदा करना था।
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डा. चांदनी मित्रा ने स्वास्थ्य से संबंधित समस्याओं के प्रति जागरूकता के साथ-साथ उनके समाधान की विविध विधाओं के बारे में भी बताया। स्कूल की हेडमिस्ट्रेस कंवलजीत विर्क ने बच्चों का उत्साह बढ़ाते हुए कहा कि होम्योपैथिक के साइड इफेक्ट कम है और इसमें ठीक होने की संभावना अधिक रहती है। होम्योपैथी की मीठी गोली में दम है।
इससे गंभीर रोग भी ठीक हो रहे हैं। कोरोना महामारी के बाद होम्योपैथी चिकित्सा का लाभ लेने वाले मरीजों की संख्या दोगुने से ज्यादा बढ़ गई है। यहां तक कि बीएचएमएस (बैचलर ऑफ होम्योपैथिक मेडिसिन एंड सर्जरी) में प्रवेश के लिए भी मारामारी हो रही है। इस पैथी से पेट रोग, किडनी, लिवर, त्वचा रोग, सांस रोग समेत अन्य बीमारियों का कारगर तरीके से उपचार किया जा रहा है। हैड टीचर कंवलजीत विर्क ने डा. चांदनी मित्रा को स्मृति चिन्ह देकर सम्मानित किया। (Homeopathy Day)