लखनऊ। योगी सरकार 2.0 के पहले 100 दिन मंगलवार को पूरे हो रहे हैं। इस अवधि में सरकार की प्रगति क्या रही, इसकी रिपोर्ट जनता के सामने रखी जाएगी। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ सोमवार को राज्य स्तर पर तो सभी मंत्री जिलों में संदेश देंगे कि सरकार के ये 100 दिन सेवा, सुरक्षा और सुशासन के लिए समर्पित रहे। इसके साथ ही अगले छह माह के लिए प्रस्तावित कार्ययोजना भी बताई जाएगी।
योगी सरकार के पहले 100 दिन पांच जुलाई को पूरे हो रहे हैं। चार जुलाई यानी सोमवार को सरकार जनता के बीच अपना पहला रिपोर्ट कार्ड प्रस्तुत करेगी। यह प्रगति रिपोर्ट सरकार की रफ्तार का भी आकलन कराएगी, क्योंकि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने विधानसभा चुनाव के पहले भाजपा द्वारा घोषित लोक कल्याण संकल्प पत्र के अधिकांश संकल्पों को मात्र दो वर्ष में पूरा करने का लक्ष्य तय किया है।दूसरे कार्यकाल की शपथ लेते ही सीएम योगी आदित्यनाथ ने सभी विभागों के मंत्रियों और वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारियों को लक्ष्य दे दिया था कि 100 दिन, छह माह, एक वर्ष और प्रतिवर्ष के हिसाब से पांच वर्षों की कार्ययोजना बनाकर काम करें। निर्देश दिया कि पांच वर्ष के लिए घोषित भाजपा के लोक कल्याण संकल्प पत्र के अधिकांश संकल्पों को मात्र दो वर्ष यानी 2024 तक पूरा करना है।
इस लक्ष्य के साथ सभी विभाग जुट गए थे। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ चाहते हैं कि जो टाइम लाइन तय हुई है, उसकी प्रगति को न सिर्फ लगातार परखा जाए, बल्कि जनता को भी बताया जाए। अपने प्रयासों में पूरी पारदर्शिता रखते हुए योगी ने ‘सेवा, सुरक्षा और सुशासन के लिए समर्पित 100 दिन’ कार्यक्रम तय किया है।
चूंकि, मंगलवार को सरकार के 100 दिन पूरे हो रहे हैं, इसलिए उससे एक दिन पहले वह सोमवार को लोकभवन में सीएम योगी आदित्यनाथ पत्रकारों के समक्ष बताएंगे कि सरकार ने इस अवधि के लिए जो लक्ष्य निर्धारित किए थे, उनकी प्रगति क्या है। इसी तरह मंत्री जिलों में जनता के बीच सरकार का रिपोर्ट कार्ड रखेंगे। अगले छह माह के लिए जो कार्ययोजना तय की गई है, वह भी जनता को बताएंगे।
भाजपा सरकार और संगठन के समन्वित प्रयास 2024 के लोकसभा चुनाव में बड़ी जीत के लिए शुरू हो चुके हैं। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कमर कसी है कि लोकसभा चुनाव से पहले ही लोक कल्याण संकल्प पत्र की अधिकांश घोषणाओं को पूरा कर दिया। इसके पीछे उद्देश्य यही है कि जनता को यह संदेश दिया जा सके कि डबल इंजन की सरकार यानी प्रदेश और केंद्र में समान सरकार होने पर विकास योजनाएं कितनी तेजी से पूरी होती हैं। इस बार प्रदेश सरकार के मंत्रियों के कामकाज की परख भी इसी के आधार पर की जानी है।