मंगलुरु। कर्नाटक के मंगलुरु स्थित जुमा मस्जिद के आसपास धारा 144 लगा दी गई है। वहां बड़ी संख्या में आज पुलिस की तैनाती की गई है। मलाली की इस मस्जिद के नीचे एक हिंदू मंदिर जैसा वास्तुशिल्प डिजाइन पाए जाने के बाद धार्मिक स्थल से 500 मीटर के दायरे में यह धारा लगाई गई है। बता दें कि 21 अप्रैल को मस्जिद के जीर्णोद्धार के दौरान मंदिर जैसी एक संरचना मिली थी, जिससे विवाद खड़ा हो गया था। इसके बाद, अदालत ने मस्जिद प्रबंधन को काम बंद करने का आदेश दिया था।
शांति व्यवस्था बनाए रखने का प्रयास
बता दें कि जुमा मस्जिद इलाके में उपजे विवाद के बाद भीड़ जमा होने पर रोक लगाई गई है। वहीं मंगलुरु प्रशासन का कहना है कि क्षेत्र में शांति व्यवस्था न बिगड़े इसके लिए यह धारा लगाई गई है। इसके लिए क्षेत्र में भारी पुलिस बल तैनात किया गया है।
विहिप ने पुजारी के साथ की पूजा
वहीं विश्व हिंदू परिषद (विहिप) और बजरंग दल के हिंदू कार्यकर्ताओं ने मस्जिद के बारे में सच्चाई का पता लगाने के लिए पारंपरिक तरीके से पुजारी के साथ तांबुल प्राशन किया। तटीय कर्नाटक में, यह व्यापक रूप से प्रचलित रिवाज है जहां पीढ़ियों के इतिहास के बारे में जानने के लिए पुजारियों से संपर्क करना आम बात है। हिंदू कार्यकर्ता मस्जिद के इतिहास का पता लगाने के लिए अगले कदम के रूप में “तांबुल प्राशन” के बाद “अष्टमंगला प्राशन” भी रखेंगे।
पुजारी के मंदिर बताने पर बढ़ेगा विवाद
गौरतलब है कि अगर पुजारी इस पूजा के बाद कहते हैं कि मलाली मस्जिद पहले एक मंदिर था, तो यह मुद्दा विवादास्पद हो सकता है क्योंकि हिंदू कार्यकर्ता कानूनी रूप से आगे बढ़ेंगे और दावा करेंगे कि उनका मस्जिद पर अधिकार है। जानकारों का कहना है कि श्रीरंगपटना के उलट अगर मलाली मस्जिद को लेकर विवाद होता है तो यह प्रशासन के लिए एक चुनौती होगी।
हनुमान मंदिर गिराकर मस्जिद बनाने का दावा, सर्वे की मांग
मलाली शहर मंगलुरु के करीब स्थित है, जिसे सांप्रदायिक रूप से संवेदनशील क्षेत्र माना जाता है। यहां कोई भी गड़बड़ी तीनों तटीय जिलों को प्रभावित करेगी। यह इलाका भाजपा का गढ़ माना जाता है। मांड्या जिले की श्रीरंगपटना जामिया मस्जिद को वापस लेने के लिए हिंदू कार्यकर्ताओं ने भी आंदोलन शुरू कर दिया है। वे पहले ही जिला प्रशासन को एक ज्ञापन सौंप चुके हैं जिसमें उनसे ज्ञानवापी मस्जिद की तर्ज पर मस्जिद का सर्वे कराने का आग्रह किया गया है। उन्होंने कहा है कि अगर सरकार जवाब नहीं देती है, तो वे अदालत का दरवाजा खटखटाएंगे। हिंदू कार्यकर्ता दावा कर रहे हैं कि हनुमान मंदिर को गिराकर मस्जिद बनाई गई है।