रुद्रप्रयाग: सत्ताधारी भाजपा की जिला पंचायत अध्यक्ष अमरदेई शाह ने अविश्वास प्रस्ताव के ठीक पहले अपना इस्तीफा जिलाधिकारी रुद्रप्रयाग को सौंप दिया है। हालांकि, इस्तीफा को लेकर डीएम शासन से इस संबंध में मार्ग निर्देशन लिया जा रहा है, जिसके बाद ही अग्रिम कार्रवाई करेंगे।
वहीं इस्तीफे के बाद अविश्वास पर वोटिंग होगी या नहीं इस पर भी अभी स्थिति स्पष्ट नहीं हो पाई है। जबकि विरोध कर रहे सदस्यों का कहना है कि नियमानुसार फ्लोर टेस्ट होगा। वोटिंग तय समय पर होनी चाहिए।
बदले घटनाक्रम में शुक्रवार को देर शाम जिला पंचायत अध्यक्ष अमरदेई शाह ने अपना इस्तीफा डीएम को सौंप दिया। जिलाधिकारी मयूर दीक्षित ने इस्तीफा की पुष्टि करते हुए कहा कि इस संबंध में शासन से दिशा निर्देश लिए जा रहे हैं। इसके बाद ही आगे की कार्रवाई होगी।
शनिवार को जिला पंचायत अध्यक्ष के खिलाफ 14 सदस्यों द्वारा लाए गए अविश्वास प्रस्ताव पर सुबह 11 बजे पहले चर्चा होनी थी। इसके बाद वोटिंग प्रस्तावित थी। अब वोटिंग होगी या नहीं इसको लेकर स्थिति स्पष्ट नहीं हो पाई है।
इससे पूर्व प्रशासन ने वोटिंग की सभी तैयारियां पूरी कर ली थी। वहीं जिला पंचायत उपाध्यक्ष समुंत तिवारी ने कहा कि सदन में ही इस्तीफा होगा। अविश्वास पर वोटिंग की तिथि तय हो चुकी है। ऐसे में वोटिंग होना जरूरी है।
वहीं जिला पंचायत सदस्यों ने अध्यक्ष पर कई आरोप लगाते हुए अविश्वास प्रस्ताव लाए थे। जनपद में कुल 18 जिला पंचायत सदस्य हैं, जिसमें 14 सदस्यों ने अध्यक्ष के खिलाफ शपथ पत्र पेश किया था। जबकि चार सदस्य अध्यक्ष के समर्थन में बताए जा रहे हैं।
विरोध कर रहे 14 सदस्यों में तीन सदस्य भाजपा के हैं। पंचायती नियमों के अनुसार जिला पंचायत अध्यक्ष को अपनी सीट बचाने के लिए 7 सदस्यों का समर्थन जरूरी है।
गत 16 जून को 14 जिला पंचायत सदस्यों ने कलक्ट्रेट पहुंचकर डीएम के सम्मुख फिजिकल वेरिफिकेशन करवाया था। औपचारिकताएं पूरी होने के बाद अविश्वास प्रस्ताव पर वोटिंग कराने को लेकर डीएम ने जिला पंचायत राज अधिकारी को निर्देश दिए थे। 14 जिला पंचायत सदस्य किसी गोपनीय स्थान पर हैं। सभी वोटिंग के लिए शनिवार सुबह रुद्रप्रयाग पहुंचेंगे।
जिला पंचायत उपाध्यक्ष सुमंत तिवारी ने कहा कि सभी 14 सदस्य एकजुट हैं। अविश्वास प्रस्ताव पास कराने के लिए 12 सदस्यों की ही जरूरत है, लेकिन हमारे पास 14 सदस्य हैं, जिसमें 3 सदस्य भाजपा के हैं।
दलगत राजनीति से ऊपर उठ कर अध्यक्ष का विरोध हो रहा है। उन्होंने कहा कि जिला पंचायत अध्यक्ष का इस्तीफा डीएम को देना उचित नहीं है। सदन में ही इस्तीफा होना चाहिए।