लखनऊ। 17 साल पहले मेफेयर तिराहे के पास बंसत टाकीज के ऊपर दुकान के विवाद में दिनदहाड़े पिता-पुत्र की गोली मारकर हत्या(Double Murder) करने के मामले में राजधानी की एक फास्ट ट्रैक कोर्ट ने आरोपी विजय प्रकाश शर्मा व धीरज शर्मा को फांसी की सजा सुनाई है। यह दोनों आरोपी भी पिता-पुत्र हैं।
विशेष जज फुल चन्द्र कुशवाहा ने इन दोनों को समान आशय से हत्या करने का दोषी करार दिया है। इन पर पांच-पांच लाख का जुर्माना भी लगाया है। उन्होंने इनके अपराध को विरल से विरलतम करार देते हुए कहा है कि इन्हें फांसी के फंदे पर तब तक लटकाया जाए, जब तक कि मौत न हो जाए। उन्होंने फांसी की सजा की पुष्टि के लिए इस मामले की समस्त पत्रावली अविलंब हाईकोर्ट को भेजने का आदेश दिया है।
विशेष जज ने अपने फैसले में कहा है कि अभियुक्तों द्वारा किए गए इस अपराध के परिणामस्वरूप मृतकों के परिवार व समाज को भी व्यापक स्तर पर क्षति हुई। इस अपराध की वजह से समाज में भय व अविश्वास का माहौल पैदा हुआ। लिहाजा इस तरह के असामान्य प्रकृति के अपराध में अभियुक्तों को आजीवन कारावास का दंड पर्याप्त नहीं होगा। उन्होंने जुर्माने की धनराशि से आठ लाख रुपए मृतक कपिल गुप्ता के आश्रित को देने का आदेश भी दिया है।
दोहरे हत्याकांड (Double Murder): यह है पूरा मामला
सरकारी वकील कमलेश कुमार सिंह के मुताबिक 16 अप्रैल, 2005 को कृष्ण कुमार गुप्ता व उनके लड़के कपिल गुप्ता की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। इस वारदात की एफआइआर बिल्डर उदय स्वरूप भारद्वाज ने थाना हजरतगंज में दर्ज कराई थी। करीब चार साल पहले कृष्ण कुमार गुप्ता ने बसंत टाकीज के ऊपर खरीदी गई जगह पर कुबेर फाइनेंस से दुकान व आफिस बनवाने का एग्रीमेंट किया था। निर्माण कार्य लगभग पूरा हो चला था।
उनके बगल में बजरंग व वीआइपी सिक्योरिटी एजेंसी चलाने वाले विजय शर्मा का आफिस था। वह अक्सर कृष्ण कुमार गुप्ता से कहता था कि यह जगह कुबेर फाइनेंस कम्पनी की है। जिस पर उसका 17 लाख का बकाया है। तुम्हें उसके एवज में तीन दुकान देनी होगी। कृष्ण कुमार कहते थे कि यह जगह उसने खरीदी है। इस पर तुम्हारा कोई हक नहीं बनता है। वारदात वाले दिन कृष्ण कुमार गुप्ता व उनका लड़का कपिल गुप्ता साथी राजीव दीक्षित के साथ अपने आफिस में काम कर रहे थे।
दोपहर करीब तीन बजे विजय शर्मा व उसका लड़का धीरज शर्मा उन लोगों के पास आए। कृष्ण कुमार से कहा कि मेरी कुबेर फाइनेंस वालों से बात हो गई है। तुम्हें तीन दुकान देना होगा। इस बात पर उन लोगों में विवाद होने लगा। तभी विजय शर्मा का लड़का धीरज बोला कि यह लोग ऐसे नहीं मानेंगे। भागता हुआ गया और अपने आफिस से बंदूक उठा लाया। अपने पिता विजय शर्मा को देकर बोला कि आज इनका काम खत्म कर दो तभी हमें दुकान मिलेगा। (Double Murder)
विजय शर्मा ने कुर्सी पर बैठे कृष्ण कुमार गुप्ता के सीने पर बंदूक से गोली मार दी। वह कुर्सी पर बैठे रह गए। यह देखकर उनका लड़का विजय से उलझ गया। विजय ने कपिल को झटक दिया और एक गोली उसके सीने में भी मार दिया। कपिल घायल होकर गिर गया। विजय शर्मा बंदूक में दोबारा गोली भरने लगा। तब उदय व उसके साथी राजीव दीक्षित जान बचाने के लिए पीछे की तरफ भागे। विजय ने उस पर भी जान से मारने की नियत से एक फायर किया लेकिन वह तेजी से गैलरी में घुस गया। उसे गोली नहीं लगी। वह अपने आफिस में छुप गया। तभी उसे फायर का दो आवाज और सुनाई दी।
वह अपने मोबाइल से अपने मित्रों व पुलिस को सूचना देने लगा। आफिस की खिड़की से सड़क की तरफ देखा, तो विजय शर्मा बंदूक लहराते हुए मेफेयर तिराहे की तरफ चला जा रहा था। इस वारदात से बाजार में दहशत फैल गई। लोग धड़ाधड़ अपनी दुकान बंद कर भागने लगे। सन्नाटा छा गया। लोक व्यवस्था छिन्न भिन्न हो गई। आम जनजीवन ठप हो गया। पुलिस के आने पर वह बाहर निकलकर आया। देखा कि पुलिसवाले कृष्ण कुमार गुप्ता व उनके लड़के कपिल को ले जा रहे थे। थोड़ी देर बाद पता चला कि दोनों की मौत हो गई है।
दोहरे हत्याकांड (Double Murder): पिछले पांच साल में फांसी की छठवीं सजा
15 मार्च, 2022 को छह साल की मासूम बच्ची के साथ दुष्कर्म के बाद उसकी हत्या करने वाले एक रिश्तेदार को पॉक्सो की विशेष अदालत ने मौत की सजा सुनाई थी। 30 सितंबर, 2021 को पांच माह की दुधमुही बच्ची से दुष्कर्म के बाद उसकी हत्या करने वाले रिश्तेदार को विशेष अदालत ने फांसी की सजा सुनाई थी। 24 जनवरी, 2020 को राजधानी की एक सत्र अदालत ने अपनी पत्नी की मां और उसके भाई के अबोध बेटे व मासूम बेटी की हत्या करने वाले को फांसी की सुजाई थी। 17 जनवरी, 2020 को छह साल की मासुम बच्ची से दुष्कर्म के बाद उसकी निर्मम हत्या करने वाले को भी पॉक्सो की विशेष अदालत ने फांसी की सजा सुनाई थी। 29 अगस्त, 2017 को पत्नी व अपने तीन मासूम बच्चों के कातिल पिता को भी राजधानी की एक अदालत फांसी की सजा सुना चुकी है।