पंचकूला। हरियाण के वरिष्ठ आइएएस अधिकारी अशोक खेमका के मामले में नया मोड़ आ गया है। पुलिस ने उनके खिलाफ एक अन्य अधिकारी संजीव वर्मा की शिकायत पर केस दर्ज कर लिया गया है। दूसरी ओर,खेमका की शिकायत पर भी संजीव वर्मा और अन्य अधिकारियों के खिलाफ एफआइआर दर्ज किया गया है।
बता दें कि मंगलवार को दिन में अशोक खेमका हरियाणा के गृहमंत्री अनिल विज के साथ पंचकूला पुलिस उपायुक्त कार्यालय पहुंंचे थे। इसके बाद मंगलवार रात में पुलिस ने खेमका के खिलाफ पिछले दिनों दी गई शिकायत के आधार पर केस दर्ज कर लिया। यह शिकायत पिछले कुछ दिनों से पुलिस के पास लंबित पड़ी थी और मंगलवार रात को इस पर कार्रवाई की गई।
मंगलवार रात पुलिस ने हरियाणा राज्य भंडारण निगम के निगम के तत्कालीन प्रबंध निदेशक अशोक खेमका सहित भंडारण निगम के सेवानिवृत्त प्रबंधक (पी) सोम नाथ रतन, सहायक प्रबंधक प्रशासन (सेवानिवृत्त) एससी कंसल और सहायक (सेवानिवृत्त) नरेश कुमार के खिलाफ केस दर्ज कर लिया।
संजीव वर्मा द्वारा दी गई शिकायत में अशोक खेमका पर आरोप लगाया गया था कि वर्ष 2010 में हरियाणा वेयर हाउसिंग कारपोरेशन के एमडी पद पर रहते हुए प्रथम श्रेणी के दो अधिकारियों की गलत ढंग से नियुक्तियां कीं। खेमका 1 जुलाई 2008 से 23 अप्रैल 2010 तक निगम के प्रबंध निदेशक थे।
दूसरी ओर, मंगलवार दिन में खेमका ने पंचकूला के पुलिस उपायुक्त कार्यालय में एक शिकायत दी। मंगलवार रात संजीव वर्मा एवं रविंद्र कुमार सहित अन्य के खिलाफ पुलिस ने अशोक खेमका की शिकायत पर केस दर्ज कर लिया। अशोक खेमका ने संजीव वर्मा एवं रविंद्र कुमार पर झूठी शिकायत देने एवं उत्पीड़न का आरोप लगाया है।पुलिस ने पंचकूला सेक्टर 5 थाने में धारा 167, 182, 195ए, 198, 211, 218 और 120बी के तहत केस दर्ज कर लिया है।
इससे पहले खेमका की खिलाफ दी गई शिकायत के में गया गया कि मामले की जांच के लिए एक कमेटी का गठन किया था। इसमें कहा गया है कि नियुक्तियां रोस्टर के अनुसार नहीं की गई थी। निगम में प्रबंधक ग्रेड-। के पद पर नियुक्त किए गए प्रदीप कुमार गुप्ता और सुरिंदर सिंह के पास सीधी भर्ती के मामले में एचएसडब्ल्यूसी के संग्रह के अनुसार अपेक्षित योग्यता और अनुभव नहीं था।
पुलिस में दी गई शिकायत में कहा गया है कि रिपोर्ट में विशेष रूप से उल्लेख किया है कि विज्ञापन में एक सरकारी विभाग, सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रम, एक प्रबंधकीय या वाणिज्यिक संगठन में कृषि उपज के प्रबंधन और संरक्षण में सात साल का अनुभव की आवश्यकता थी।
पंचकूला सेक्टर पांच पुलिस थाना में दी गई शिकायत के अनुसार, जांच रिपोर्ट में कहा गया कि निगम में प्रबंधक ग्रेड-।। के पद के वेतनमान से कम वेतनमान वाले पद पर पर्यवेक्षी क्षमता, विपणन प्रबंधन में डिप्लोमा या डिग्री रखने वाले व्यक्तियों को वरीयता दी जाएगी।
रिपोर्ट में कहा गया कि प्रदीप कुमार गुप्ता ने भारतीय वायु सेना द्वारा जारी अनुभव प्रमाण पत्र प्रस्तुत किया। इसमें निर्दिष्ट किया गया है कि 688776-एल सार्जेंट प्रदीप कुमार गुप्ता को 14 नवंबर 1988 को भारतीय वायुसेना में नामांकित किया गया था और विशेष रूप से इंस्ट्रूमेंट फिटर के कर्तव्यों के लिए प्रशिक्षित किया गया था। उन्होंने सफलतापूर्वक 20 साल नौकरी की। इसी प्रकार सुरिंदर सिंह के पास भी अपेक्षित अनुभव नहीं था।
पुलिस में दी शिकायत के अनुसार, कमेटी ने कहा है कि तत्कालीन प्रबंध निदेशक अशोक खेमका जो प्रबंध निदेशक होने के नाते कार्यकारी समिति के सदस्यों में से एक थे। उन्होंने अन्य अधिकारियों के साथ साक्षात्कार आयोजित किया और चयनित उम्मीदवारों की मेरिट सूची तैयार की। पुलिस को दी शिकायत में आरोप लगाया गया है कि इन लोगों ने नियमों / विनियमों की अनदेखी करके अवैध और मनमानी तरीके से नियुक्तियां कीं।
पुलिस को दी शिकायत में संजीव वर्मा ने कहा है कि खेमका ने राज्य सरकार द्वारा 15 जुलाई 1985 को जारी किए गए निर्देशों की संख्या 22/67/ 81-3जीएस-।।। में नियुक्त उम्मीदवारों सुरिंदर सिंह और प्रदीप कुमार गुप्ता के पास राज्य का अपेक्षित अनुभव और अधिवास (डोमिसाइल) प्रमाण पत्र नहीं था। वह रोस्टर के अनुसार नियुक्ति के लिए भी योग्य नहीं थे।
शिकायत में संजीव वर्मा ने कहा हैैकि सोम नाथ रतन, एससी कंसल और नरेश कुमार भी सरकार के नियमों के उल्लंघन के लिए जिम्मेदार हैं। उन्होंने निर्देश, नियम, अनुभव और पद की अनुपलब्धता और जानबूझकर दुर्भावनापूर्ण इरादे और भ्रष्ट आचरण करते हुए अपात्र उम्मीदवारों की नियुक्ति की। अशोक खेमका सहित सोमनाथ रतन, एससी कंसल, नरेश कुमार जिम्मेदार ठहराया गया था।