मुंबई। शीना बोरा हत्या मामले की मुख्य आरोपित पूर्व मीडिया एग्जिक्यूटिव इंद्राणी मुखर्जी आज को जेल से बाहर आ सकती है। मुंबई में सीबीआइ की विशेष अदालत ने दो लाख रुपये का बांड भरने के बाद इंद्राणी को रिहा करने की अनुमति दे दी। अपनी 24 वर्षीया बेटी शीना बोरा की अप्रैल 2012 में हुई हत्या के मामले में 2015 में गिरफ्तार होने के साढ़े छह साल से ज्यादा समय बाद सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को 50 वर्षीया इंद्राणी की जमानत मंजूर करते हुए मुंबई स्थित निचली अदालत को जमानत की शर्तें तय करने का निर्देश दिया था।
सीबीआइ मामलों के लिए विशेष न्यायाधीश वीसी बार्डे ने गुरुवार को मुखर्जी से दो सप्ताह के भीतर दो लाख रुपये के लिए जमानत (गारंटर) भरने के लिए कहा। इंद्राणी मुखर्जी की वकील साना रईस शेख ने कहा कि सीबीआइ की विशेष अदालत ने शाम चार बजे के आसपास आदेश दिया और एक घंटे के भीतर जमानत से संबंधित कागजी काम को पूरा कर लिया गया। शेख ने कहा, ‘जेल (मुंबई में महिलाओं के लिए भायखला जेल) से वह कल (शुक्रवार को) बाहर आ सकती हैं।’
जमानत की शर्तें
न्यायाधीश ने अपने आदेश में कहा कि इंद्राणी मुखर्जी विशेष अदालत को अपना पासपोर्ट अनिवार्य रूप से सौंपेगी और कोर्ट की इजाजत के बगैर देश से बाहर नहीं जाएंगी। अगर इन शर्तों का पालन नहीं होता है, तो उनके खिलाफ कार्रवाई हो सकती है। अदालत ने इंद्राणी को मामले के किसी गवाह से संपर्क और सुबूतों के साथ छेड़छाड़ नहीं करने का निर्देश दिया है। सुनवाई में वह भाग लेंगी और स्थगन की मांग नहीं करेंगी। न्यायाधीश बार्डे ने यह भी कहा, ‘उपरोक्त शर्तों का उल्लंघन होने पर अभियोजन पक्ष के पास जमानत रद करने के लिए अर्जी दाखिल कराने की स्वतंत्रता होगी।’
जानिए- क्या है पूरा मामला
इंद्राणी मुखर्जी पर अपने तत्कालीन ड्राइवर श्यामवर राय और पूर्व पति संजीव खन्ना के साथ मिलकर अपनी 24 वर्षीया बेटी की हत्या करने का आरोप है। जमानत मंजूर करते हुए शीर्ष कोर्ट ने कहा था कि इंद्राणी लंबे समय से जेल में बंद है और सुनवाई जल्द पूरी नहीं हो सकती है।