नई दिल्ली। बुधवार को हुई केंद्रीय कैबिनेट की बैठक में लघु अवधि के तीन लाख रुपये तक के कृषि लोन (Farm Loan) पर ब्याज में 1.5 प्रतिशत की सबवेंशन योजना (Subvention Scheme) को दोबारा बहाल करने की मंजूरी प्रदान कर दी है। मंत्रिमंडल से मंजूरी मिलने के बाद किसानों को कम दर पर कर्ज मिलता रहेगा और बैंक और वित्तीय संस्थानों पर इसका बोझ नहीं पड़ेगा। सूचना और प्रसारण मंत्री अनुराग ठाकुर ने कहा कि 2022-23 और 2023-2024 के लिए सरकार की ओर से यह मदद मिलेगी।
ब्याज सबवेंशन की भरपाई के लिए सरकार को बजट में अतिरिक्त 34,856 करोड़ रुपये प्रविधान करना होगा। अनुराग ठाकुर ने कहा कि मई, 2020 में ब्याज सबवेंशन योजना को रोक दिया गया था, क्योंकि बैंक स्वयं सात पर अल्पकालिक कृषि लोन प्रदान करने में सक्षम थे। हालांकि आरबीआइ द्वारा हाल के महीनों में रेपो दर में तीन बार में 140 आधार अंकों की वृद्धि करने के बाद बैंकों को क्षतिपूर्ति करना आवश्यक है, जिससे कि वे सात प्रतिशत परकृषि लोन देना जारी रख सकें।
हास्पिटैलिटी सेक्टर को मिलेगा बिना गारंटी 50,000 करोड़ का लोन
कोरोना की वजह से प्रभावित हास्पिटैलिटी सेक्टर को सरकार ने बिना किसी गारंटी के 50,000 करोड़ रुपये का लोन देने का फैसला किया है। इमरजेंसी क्रेडिट लाइन गारंटी स्कीम (ECLGS) के तहत ये लोन दिए जाएंगे। बुधवार को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता वाली कैबिनेट कमेटी के फैसले के मुताबिक उद्यमी अगले साल 31 मार्च तक इस स्कीम के तहत लोन ले सकेंगे। हालांकि, ईसीएलजी स्कीम पहले से चल रही है और इस स्कीम के तहत अब तक 3.67 करोड़ रुपये के लोन की मंजूरी दी चुकी है।
पिछले दो सालों से कोरोना महामारी से हास्पिटैलिटी सेक्टर का कारोबार मंदा चल रहा था, लेकिन अब एक बार फिर इस सेक्टर में तेजी आई है। इस दौरान बिना गारंटी वाले लोन की व्यवस्था से हास्पिटैलिटी सेक्टर को काफी मदद मिलेगी। वर्ष 2020 में आत्मनिर्भर भारत अभियान के तहत सरकार ने ईसीएलजीएस के तहत एमएसएमई को बिना किसी गारंटी के लोन देने का फैसला किया था। उस समय ईसीएलजीएस के तहत तीन लाख करोड़ रुपये का फंड दिया गया था। बाद में इस स्कीम के फंड में और 1.5 लाख करोड़ रुपए आवंटित किए गए। इस प्रकार यह ईसीएलजीएस का फंड 4.5 लाख करोड़ रुपये का हो गया था जो अब पांच लाख करोड़ रुपये का हो जाएगा। इस स्कीम के तहत लिए जाने वाले लोन की पूरी गारंटी सरकार लेती है और लोन लेने के लिए उद्यमियों को कुछ भी गिरवी नहीं रखना होता है।