उज्जैन। मध्य प्रदेश के उज्जैन में गलत ट्रेन में चढ़ने का महसूस होने पर शनिवार को एक महिला ने अपने दो बच्चों को प्लेटफार्म पर फेंक दिया और चलती ट्रेन से कूद गई। बाद में घटना का एक वीडियो जल्द ही सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है।
पुलिस कांस्टेबल मुकेश कुशवाहा ने महिला को बचाया
एक अधिकारी ने कहा कि कूदने के बाद डिब्बे के दरवाजे के पास फिसल गई और ट्रेन और प्लेटफार्म के बीच की खाई में गिरने का खतरा था। महिला को रेलवे पुलिस कांस्टेबल मुकेश कुशवाहा ने बचाया, जिसे उसकी त्वरित सोच के लिए पुरस्कृत किया जाएगा। जीआरपी की पुलिस अधीक्षक निवेदिता गुप्ता ने बताया कि मैंने सिपाही को तत्काल 500 रुपये का इनाम दिया है। मैंने जीआरपी इंस्पेक्टर राधेश्याम महाजन से कुशवाहा को इनाम देने के लिए सिफारिश पत्र लिखने को कहा है।
कोच के दरवाजे पर फिसल गई थी महिला
इंस्पेक्टर महाजन ने कहा कि एक आदमी, उसकी पत्नी और दो बच्चे सीहोर के लिए ट्रेन में चढ़ने के लिए सुबह करीब 6:30 बजे स्टेशन आए थे। महिला गलती से जयपुर-नागपुर ट्रेन में चढ़ गई। उसने अपने चार और छह साल के बेटे को प्लेटफार्म पर फेंक दिया और फिर चलती ट्रेन से कूद गया। उन्होंने कहा कि वह कोच के दरवाजे के पास फिसल गई, लेकिन जीआरपी कांस्टेबल कुशवाहा उसे सुरक्षित बाहर निकालने में सफल रहे।
अंबाला में आरपीएफ की मदद से रेलवे चाइल्ड टीम ने किया रेस्क्यू
अंबाला स्टेशन पर घूम रहे 6 लावारिस बच्चों को राजकीय रेलवे सुरक्षा बल (आरपीएफ) की मदद से रेलवे चाइल्ड टीम ने रेस्क्यू किया। इसमें चार भाई-बहन एस्कलेटर से और दो भाई-बहन रेलवे परिसर से संरक्षण में लिए गए। बच्चों की काउंसलिंग के दौरान स्वजनों की जानकारी हासिल की गई। चार बच्चों के परिजन रामबाग रोड पर शनिदेव मंदिर से और दो बच्चों के परिजन रेलवे स्टेशन के बाहर पुल के नीचे से मिले।
चार बच्चे रेलवे स्टेशन पर लगे एस्कलेटर से रेस्क्यू किए गए थे। राजकीय रेलवे सुरक्षा बल की सब इंस्पेक्टर निशा को यह बच्चे मिले थे। एसआई ने बच्चों की जानकारी रेलवे चाइल्ड टीम को दी। काउंसलिंग के दौरान टीम ने बच्चों को अंबाला छावनी के आधा दर्जन क्षेत्रों में घुमाया। लेकिन वह जानकारी नहीं दे पाए। काफी दौड़धूप के बाद टीम जब रामबाग रोड पर पहुंची तो बच्चों ने जगह को पहचान लिया।