नई दिल्ली। जहांगीरपुरी हिंसा मामले में आरोपितों के खिलाफ कार्रवाई करने का सिलसिला लगातार जारी है। इस मामले में दो दर्जन से अधिक लोगों की गिरफ्तारी हो चुकी है। इसी क्रम में शुक्रवार को ईडी की एंट्री हो चुकी है। दिल्ली पुलिस आयुक्त राकेश अस्थाना ने ईडी को पत्र लिखकर मामले की जांच करने के लिए कहा। इसके साथ ही हिंसा के आरोपितों के खिलाफ मनी लान्ड्रिंग के तहत कार्रवाई होनी चाहिए।
दिल्ली पुलिस कमिश्नर ने अंसार के खिलाफ मनी लान्ड्रिंग के तहत कार्रवाई के लिए पत्र लिखा है। इसके साथ ही पुलिस की जांच में सामने आया है कि अंसार का कई बैंक खातों में पैसा जमा है और उसके पास कई संपत्तियां भी है, जिन्हें जुए के पैसे से खरीदा गया था। दिल्ली पुलिस कमिश्नर ने ईडी से अंसार के तमाम खातों की जांच और सभी संपत्तियों का पता लगाने के लिए कहा गया है।
पुलिस का कहना है कि जांच होने के बाद ही खुलासा होगा कि आरोपित अंसार को विदेशी मुल्क या किसी आतंकी संगठन से तो फंडिंग नहीं हो रही थी। दिल्ली पुलिस आयुक्त ने ईडी को पत्र लिखकर कहा है कि जहांगीरपुरी हिंसा के मुख्य आरोपित अंसार के खिलाफ धन-शोधन निवारण अधिनियम यानी पीएमएलए के तहत कार्रवाई की जाए।
दरअसल, 16 अप्रैल को हनुमान जयंती के धार्मिक जुलूस के दौरान जहांगीरपुरी हिंसा हुई थी। इसमें मुख्य आरोपी असलम व अंसार हैं। जिन्होंने शोभायात्रा के दौरान पथराव व फायरिंग की थी। हिंसा के दौरान आठ पुलिस कर्मियों और एक नागरिक सहित नौ लोग घायल हुए थे। दिल्ली पुलिस ने आरोप लगाया था कि मुख्य आरोपी अंसार और असलम को 15 अप्रैल के दिन निकने वाली शोभा यात्रा के बारे में जानकारी पहले से थी।
दरअसल, जहांगीरपुरी हिंसा मामले में आरोपितों को खिलाफ सख्त कार्रवाई सुनिश्चित करते हुए कई आरोपितों के खिलाफ दिल्ली पुलिस ने राष्ट्रीय सुरक्षा कानून (रासुका) लगा दिया गया था । दिल्ली पुलिस ने इसके लिए गृहमंत्रालय से अनुमति मांगी थी, जो मिल गई। ध्यान देने की बात है कि गृहमंत्री अमित शाह ने पहले ही साफ कर दिया था कि देश की राजधानी में हिंसा करने वालों के खिलाफ कार्रवाई एक नजीर बनेगी। जिन आरोपितों पर रासुका लगाई गई उनमें अंसार, सलीम, सोनू उर्फ इमाम उर्फ यूनुस, दिलशाद और आहिर है।
केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह जहांगीरपुरी में हिंसा के पहले दिन से ही स्थिति पर नजर रखे हुए हैं और दिल्ली पुलिस के आला अधिकारियों से लगातार संपर्क में हैं। उन्होंने हिंसा वाले दिन से ही दिल्ली पुलिस आयुक्त राकेश अस्थाना को हिंसा में शामिल आरोपितों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने का निर्देश दिया था।
बताया गया कि अमित शाह ने आयुक्त से कहा था कि आरोपितों के खिलाफ ऐसी सख्त कार्रवाई सुनिश्चित करें कि दोबारा कोई हिंसा या दंगा करने के बारे में न सोचे। इसके अलावा उन्होंने मामले की तेजी से जांच करने के भी निर्देश दिए। अभी तक की जांच से इस बात के ठोस सबूत मिले हैं कि हिंसा स्वत:स्फूर्त नहीं थी, बल्कि इसकी साजिश पहले ही रची गई थी। फिलहाल, दिल्ली पुलिस कमिश्नर की मांग पर ईडी इस पूरे मामले की जांच करेगी।