नई दिल्ली। देश में ग्रीन हाइड्रोजन(Green Hydrogen) क्षेत्र में बड़े मुकाबले की तैयारी है। रिलायंस के बाद अब अदाणी समूह ने भी ग्रीन हाइड्रोजन के क्षेत्र में बड़ी तैयारी के साथ उतरने का एलान किया है। अदाणी समूह की कंपनी अदाणी न्यू इंडस्ट्रीज लिमिटेड (ANIL) ने फ्रांस की मशहूर ऊर्जा कंपनी टोटल एनर्जीज (Total Energies) से हाथ मिलाया और कहा है कि वह अगले दस वर्षों में 50 अरब डालर का निवेश करेगी। इस निवेश का मकसद दुनिया में सबसे सस्ती दर पर ग्रीन हाइड्रोजन का निर्माण करना है। कुछ महीने पहले रिलायंस इंडस्ट्रीज ने एलान किया था कि वह भारत में एक रुपये प्रति किलो की दर से ग्रीन हाइड्रोजन(Green Hydrogen) बनाने का लक्ष्य लेकर चल रही है। इसके अलावा सरकारी क्षेत्र की गेल लिमिटेड, आइओसी और एनटीपीसी जैसी ऊर्जा क्षेत्र की कंपनियां भी ग्रीन हाइड्रोजन सेक्टर में महत्वाकांक्षी योजना बना रही हैं।
एएनआइएल में 25 प्रतिशत हिस्सेदारी टोटल एनर्जीज ने खरीदी है। दोनों कंपनियां मिलकर ग्रीन हाइड्रोजन का एक पूरा इकोसिस्टम स्थापित करेंगी। कंपनी का कहना है कि पहले चरण में वह वर्ष 2030 तक दस लाख टन ग्रीन हाइड्रोजन(Green Hydrogen) बनाने का लक्ष्य लेकर आगे बढ़ रही है। 50 अरब डालर का निवेश अगले दस वर्षों में किया जाएगा।
अदाणी समूह के चेयरमैन गौतम अदाणी का कहना है, ‘कंपनी अभी सबसे किफायती इलेक्ट्रान बनाती है जिससे कंपनी को सबसे कम कीमत वाली ग्रीन हाइड्रोजन बनाने में मदद मिलेगी। यह साझेदारी कई रोमांचक खुदरा कारोबार का रास्ता भी खोलेगी।’
वहीं टोटल एनर्जीज के चेयरमैन और सीईओ पैट्रिक पायने ने कहा, ‘एएनआइएल में टोटल एनर्जीज का इक्विटी खरीदना हमारी रिन्यूएबल और कार्बन उत्सर्जन को कम करने की हाइड्रोजन रणनीति को लागू करने की दिशा में एक बड़ा कदम है। भविष्य में होने वाली ग्रीन हाइड्रोजन(Green Hydrogen) की प्रति वर्ष 10 लाख टन की उत्पादन क्षमता, नए डीकार्बोनाइज्ड मालीक्यूल के साथ बायो फ्यूल, बायोगैस, हाइड्रोजन और ई-फ्यूल में टोटल एनर्जीज की हिस्सेदारी को 2050 तक इसके ऊर्जा उत्पादन और बिक्री में 25 प्रतिशत तक बढ़ाने के लिए एक प्रमुख कदम होगा।’
दोनों समूहों के बीच चौथी साझेदारी
अदाणी समूह और टोटल के बीच यह चौथी साझेदारी है। इससे पहले दोनों कंपनियां एलएनजी टर्मिनल, सिटी गैस डिस्ट्रीब्यूशन और सोलर पावर में पार्टनरशिप कर चुकी हैं। ग्रीन हाइड्रोजन(Green Hydrogen) पानी और क्लीन इलेक्ट्रिसिटी से बनती है और इसे भविष्य का ईंधन कहा जाता है।