लखनऊ। काकोरी इलाके के एक गांव में बीते 25 जून को दो छात्राओं से छेड़छाड़ और दुष्कर्म के प्रयास के मामले में सुनवाई न करने वाले इंस्पेक्टर और चौकी प्रभारी को पुलिस कमिश्नर डीके ठाकुर ने निलंंबित कर दिया। बुधवार शाम उन्होंने यह कार्रवाई दोनों के खिलाफ की। दोनों पीडि़ताएं घटना के बाद से दहशत में थीं और शोहदे धमकी दे रहे थे। वहीं, इंस्पेक्टर और चौकी प्रभारी, शोहदों पर कार्रवाई करने के बजाए उन्हें बचाने में जुटे थे।
एडीसीपी दक्षिणी राजेश कुमार श्रीवास्तव ने बताया कि क्षेत्र के एक गांव में रहने वाली दो छात्राएं एक निजी स्कूल में पढ़ती हैं। बीती 25 जून की रात करीब नौ बजे वह गांव के बाहर स्थित दूसरे मकान में रहने वाली दादी को खाना देने जा रही थीं। आरोप है कि इस दौरान बाइक सवार दो शोहदों ने उन्हें खींचा और छेड़छाड़ करने लगे। दोनों ने उनके साथ अश्लीलता की। विरोध पर छात्राओं को पीटा और धमकी दी।
डरी सहमी छात्राएं किसी तरह उनके चंगुल से छूटकर भाग निकलीं। शोहदों ने उनके मोबाइल भी छीन लिए थे। छात्राओं ने घटना की जानकारी परिवारजन को दी। इसके बाद सभी पहले चौकी इंचार्ज अभिमन्यू के पास पहुंचे। उन्होंने टरका दिया तो थाने पहुंचे। थाने में इंस्पेक्टर जितेंद्र बहादुर सिंह ने भी सुनवाई नहीं की। पुलिस में सुनवाई न होने से छात्राएं डरी सहमी थीं।
छात्राओं का कहना है कि उन्होंने घर से निकलना बंद कर दिया था। मंगलवार शाम इंटरनेट मीडिया और मीडिया के माध्यम से उच्चाधिकारियों को जानकारी हुई। पुलिस कमिश्नर ने तत्काल मामले में कार्रवाई के निर्देश दिए। इसके बाद इंस्पेक्टर और चौकी प्रभारी की भूमिका की जांच की गई। दोनों की भूमिका संदिग्ध मिली और मामले में लापरवाही बरतने की पुष्टि हुई।
इसके बाद इंस्पेक्टर और चौकी प्रभारी को निलंबित कर दिया गया। एडीसीपी ने बताया कि पूरे मामले की अब विस्तृत जांच की जा रही है। जो भी तथ्य सामने आएंगे उसे आधार पर कार्रवाई की जाएगी। वहीं, मंगलवार शाम दोनों शोहदों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया गया है। उनकी तलाश में दबिश दी जा रही है।
छेड़छाड़ के दौरान भिडऩे से घायल भी हुई थी छात्राएं : शोहदों ने जब दोनों छात्राओं को खींचा और छेड़छाड़ करने लगे तो वह भिड़ गई। अदम्य साहस का परिचय देते हुए छात्राओं से भिड़ीं रहीं और अपनी अस्मत बचाकर किसी तरह उनके चंगुल से छूटकर भागी थीं। भिड़ंत के दौरान दोनों घायल भी हो गई थीं। इस कारण डरी हुई भी थीं।