कीव। यूक्रेन के राष्ट्रपति इन दिनों रूस से जारी युद्ध के अलावा किसानों की पैदावार को लेकर भी चिंता में हैं। दरअसल, देश में लाखों टन अनाज निर्यात के लिए पड़ा हुआ है, लेकिन रूस के खतरे की वजह से इसको दूसरे देशों तक पहुंचाया नहीं जा रहा है। ऐसे में यूक्रेन किसानों की इस उपज को तुर्की के रास्ते निर्यात करने के लिए बातचीत कर रहा है। इसके लिए यूक्रेन संयुक्त राष्ट्र से भी मदद की गुहार लगा रहा है।Ukrayinska Pravda की रिपोर्ट में इसकी जानकारी दी गई है।
जेलेंस्की ने कीव में स्वीडिश प्रधानमंत्री मैग्डेलेना एंडरसन की मौजूदगी में प्रेस कांफ्रेंस में इसकी जानकारी साझा की है। उनका कहना है कि इस योजना को लागू करने में कुछ दिक्कतें हैं। इसको हर जगह लागू करना मुश्किल होगा। बता दें कि यूक्रेन काफी मात्रा में हर वर्ष अनाज निर्यात करता है। खाद्यान्न की कमी वाले देश यूक्रेन से अनाज की खरीद कर अपनी जरूरत को पूरा करते हैं। राष्ट्रपति जेलेंस्की ने कहा कि देश में करीब 22 मिलियन टन अनाज निर्यात के लिए तैयार है। लेकिन रूस के हमले की वजह से इसको बाहर नहीं भेजा जा रहा है। वहीं इस वर्ष भी रिर्काड उत्पादन की उम्मीद जताई जा रही है।
जेलेंस्की ने कहा कि ये सुनिश्चित करना बेहद जरूरी है कि देश से निर्यात किया जाने वाला अनाज अपनी मंजिल तक सही सलामत पहुंच जाए। इसलिए ये बेहद खास है कि इसकी सुरक्षा की गारंटी दी जानी चाहिए। उन्होंने इस बात को लेकर भी आशंका जताई कि यूक्रेन हर किसी पर विश्वास नहीं कर सकता है। उन्होंने कहा कि संयुक्त राष्ट्र इसमें अहम भूमिका निभाने को तैयार है। जेलेंस्की ने कहा कि अनाज को बंदरगाहों तक पहुंचाने के लिए रेल और सड़क मार्ग का उपयोग किया जा सकता है, लेकिन रूस लगातार मार्गों को अवरुद्ध कर रहा है। इतना ही नहीं काला सागर में भी उसकी मौजूदगी इस अनाज के लिए खतरे का संकेत है।
राष्ट्रपति जेलेंस्की ने कहा कि यूक्रेन समय बर्बाद किए बिना ही इस काम को पूरा करना चाहता है। उनके मुताबिक अंतर्राष्ट्रीय समुदाय को डर है कि वैश्विक खाद्य बाजार में यूक्रेनी अनाज की कमी से और भी अधिक अस्थिरता पैदा हो सकती है। यूक्रेन ने ये भी कहा है कि वो अनाज की सुरक्षा के लिए अपने घातक हथियारों को काला सागर में तैनात कर सकता है। बता दें कि सोमवार को, अंकारा में कीव के राजदूत वासिल बोदनार ने घोषणा की कि यूक्रेन के रूसी कब्जे वाले क्षेत्र से अनाज ले जाने वाले एक मालवाहक जहाज को तुर्की के सीमा शुल्क द्वारा हिरासत में लिया गया है।