लखनऊ। सेना में भर्ती की नई योजना अग्निपथ को लेकर चल रहे प्रदर्शनों में अब तक उत्तर प्रदेश के 30 जिलों में 81 मुकदमे दर्ज कर 1551 आरोपितों को गिरफ्तार किया गया है। इसमें शांतिभंग के आरोप में सीआरपीसी की धारा 151 के तहत 1064 तथा अन्य मुकदमों में गिरफ्तार 487 आरोपित शामिल हैं।
अपर पुलिस महानिदेशक कानून व्यवस्था प्रशांत कुमार ने बताया कि हिंसा व आगजनी में सबसे ज्यादा 69 आरोपित अलीगढ़ से गिरफ्तार किए गए हैं। सीआरपीसी की धारा 151 में सबसे ज्यादा 478 लोग जौनपुर में गिरफ्तार हुए हैं। इसके अलावा चंदौली में 60, जौनपुर में 57, मथुरा में 55, बलिया में 49, गाजीपुर में 41, वाराणसी कमिश्नरेट में 36, मीरजापुर में 23 व देवरिया में 18 आरोपित गिरफ्तार किए गए हैं।
इसी तरह सीआरपीसी की धारा 151 के तहत बलिया में 173, चंदौली में 150, अलीगढ़ में 86 और मऊ में 25 को गिरफ्तार किया गया है। वहीं, जुमे की नमाज के बाद गत तीन जून को हुए उपद्रव के बाद अब तक 424 आरोपितों को गिरफ्तार किया जा चुका है। इस मामले में 10 जिलों में कुल 20 मुकदमे दर्ज किए गए हैं।
बता दें कि उत्तर प्रदेश के अलग-अलग शहरों में सेना भर्ती की नई योजना अग्निपथ को लेकर हुए हिंसक प्रदर्शन में हुए थे। प्रदर्शन को लेकर खुफिया एजेंसियों के हाथ महत्वपूर्ण सुराग भी हाथ लगे हैं। इनमें कैंपस फ्रंट आफ इंडिया का नाम भी सामने आ रहा है, जो पापुलर फ्रंट आफ इंडिया (पीएफआइ) की छात्र इकाई है।
अपर पुलिस महानिदेशक (एडीजी) कानून व्यवस्था प्रशांत कुमार ने कहा कि ‘खुफिया एजेंसियों के हाथ कुछ सुराग लगे हैं। इनकी जांच की जा रही है। जांच सामने आने के बाद इस मामले में कार्रवाई की जाएगी।’ उन्होंने कहा कि अग्निपथ योजना के खिलाफ कुछ युवाओं के द्वारा आक्रोश दिखाया गया है।
खुफिया एजेंसियों को कैंपस फ्रंट आफ इंडिया के नाम से एक वाट्सएप चैट भी हाथ लगा है। इसमें 17 जून को अग्निपथ योजना के खिलाफ सड़कों पर उतरने और माहौल बिगाड़ने की अपील की गई थी। अब खुफिया एजेंसी इस चैट के माध्यम से अपनी जांच आगे बढ़ा रही है। एडीजी कानून व्यवस्था ने कहा कि खुफिया एजेंसियों को कुछ संगठनों के नाम मिले हैं। इसी आधार पर जांच आगे बढ़ाई जा रही है, जो भी दोषी होगा उसके खिलाफ विधिक कार्रवाई की जाएगी।