नई दिल्ली। कड़कड़डूमा कोर्ट से गोगी गैंग का ईनामी बदमाश मोहित उर्फ अनुज पुलिस कर्मी को धक्का देकर हिरासत से फरार हो गया। पिछले साल मार्च में जीटीबी अस्पताल में पुलिस कर्मियों पर हमला कर साथी बदमाश कुलदीप उर्फ फज्जा को छुड़ाने के मामले में उसे पेशी पर लाया गया था। दिल्ली आर्म्ड पुलिस (डीएपी) का कांस्टेबल योगेश उसे कोर्ट लाकअप से पेशी पर लेकर गया था। कोर्ट लाकअप में तैनात एएसआइ राजेंद्र की शिकायत पर इस मामले में फरार आरोपित मोहित उर्फ अनुज और कांस्टेबल योगेश के खिलाफ फर्श बाजार थाना पुलिस ने अलग-अलग मुकदमा दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।
हरियाणा के झज्जर जिले के गांव भदानी सदर का रहने वाले मोहित उर्फ अनुज गोगी गैंग का शार्प शूटर है। मोहित पर आरोप था कि पिछले साल 25 मार्च को जीटीबी अस्पताल से उपचार के लिए लाए गए गैंग के साथी कुलदीप उर्फ फज्जा को भगाने के लिए उसने पुलिस कर्मियों पर गोलियां चलाई थी। इस आरोप में उसके खिलाफ जीटीबी एन्क्लेव थाने में मुकदमा भी दर्ज हुआ था।
इसी मुकदमे की सुनवाई के लिए पुलिस उसे न्यायिक हिरासत में शुक्रवार को मंडोली जेल से कड़कड़डूमा कोर्ट लेकर पहुंची थी। पहले उसे कोर्ट लाकअप लाया गया। दोपहर करीब एक बजे कोर्ट लाकअप से डीएपी कांस्टेबल योगेश उसे लेकर महानगर दंडाधिकारी सलोनी सिंह के कोर्ट में पेश करने के लिए लेकर गया था। दोपहर 2.50 बजे कांस्टेबल ने कोर्ट लाकअप में तैनात एएसआइ राजेंद्र को बताया कि मोहित उसको धक्का देकर भाग गया है। इस पर कोर्ट परिसर में उसकी तलाश की गई, लेकिन वह नहीं मिला। कोर्ट लाकअप में तैनात एएसआइ राजेंद्र की शिकायत पर थाना फर्श बाजार पुलिस ने मोहित के खिलाफ पुलिस अभिरक्षा से फरार होने का मुकदमा दर्ज कर लिया है। साथ ही कांस्टेबल योगेश के खिलाफ भी हिरासत से आरोपित के भागने की धारा में मामला दर्ज किया गया है।
स्पेशल सेल ने किया था गिरफ्तार: स्पेशल सेल ने मोहित के साथ लारेंस बिश्नोई व अशोक प्रधान गैंग के चार बदमाशों को पिछले साल चार अक्टूबर को रोहिणी के खेरा गांव से नौ सेमी आटोमेटिक पिस्टल और 123 कारतूस लाते वक्त गिरफ्तार किया था। सेल ने दावा किया गया था कि ये बदमाश रोहिणी कोर्ट में हुई जितेंद्र गोगी की हत्या का बदला लेने के लिए टिल्लू ताजपुरिया और उसके गिरोह के कई बदमाशों मारने के लिए हथियार लाए थे। उस वक्त मोहित पर दिल्ली पुलिस 2.20 लाख रुपये का ईनाम घोषित कर रखा था।
पुलिस पर उठ रहे सवाल: कड़कड़डूमा कोर्ट में पुलिस हिरासत किसी अपराधी के फरार होने की यह पहली घटना नहीं है। मोहित से पहले दो मार्च 2022 को हत्या के मामले में दोषी प्रदीप तोमर उर्फ भूरा पुलिस को चकमा देकर फरार हो गया था। उसे कोर्ट में वर्ष 2006 में न्यू उस्मानपुर इलाके में हुई हत्या के मामले में दोषी करार देने के साथ हिरासत में लेने का आदेश दिया था।
जैसे ही उसे हिरासत में लिया गया, वह फरार हो गया था। जुलाई 2018 में कृष्णा नगर इलाके से मोटरसाइकिल चोरी करने का आरोपित शाहिद कोर्ट से फरार हो गया था। यही नहीं 23 दिसंबर 2021 को पाक्सो एक्ट के तहत आरोपित दीपक ने पुलिस हिरासत से भाग कर कड़कड़डूमा कोर्ट की छठी मंजिल से कूद कर खुदकुशी कर ली थी। इन घटनाओं से पुलिस पर सवाल उठ रहे हैं।