पंजाब, फरवरी 2025: रियल एस्टेट की सबसे बड़ी कंपनियों में से एक, मैक्रोटेक डेवलपर्स की ओर से हाउस ऑफ अभिनंदन लोढ़ा (Lodha) (एचओएबीएल) पर लोढ़ा ट्रेडमार्क के इस्तेमाल को लेकर मुकदमा दायर किया गया है। मैक्रोटेक की कमान महाराष्ट्र राज्य के मंत्री, श्री मंगल प्रभात लोढ़ा के बड़े बेटे अभिषेक लोढ़ा (Lodha) के हाथों में है, जबकि एचओएबीएल को उनके छोटे बेटे अभिनंदन लोढ़ा चलाते हैं। पिछले महीने, मैक्रोटेक ने ट्रेडमार्क लोढ़ा (Lodha) के उल्लंघन के लिए एचओएबीएल के खिलाफ बॉम्बे हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाया और 5,000 करोड़ रुपये के हर्जाने की मांग की। रियल एस्टेट की दिग्गज कंपनी, मैक्रोटेक ने दावा किया कि एचओएबीएल और अभिनंदन लोढ़ा ट्रेडमार्क का इस्तेमाल कर रहे हैं और ग्राहकों को भ्रम में डाल रहे हैं। उन्होंने एचओएबीएल द्वारा लोढ़ा (Lodha) नाम का उपयोग करने के कई मामलों का हवाला दिया। साल 2015 में कारोबार के अलग होने के बाद से इस विवाद की शुरुआत हुई थी। मैक्रोटेक की ओर से दायर किए गए मुकदमे के अनुसार, अभिनंदन साल 2015 में ही लोढ़ा (Lodha) ग्रुप या परिवार के रियल एस्टेट कारोबार से अलग हो गए थे। उस वक्त रियल एस्टेट की इस शाखा पर 20,000 करोड़ रुपये का कर्ज़ था और कई लोग इसे डूबता हुआ जहाज मान रहे थे। अभिनंदन को नया कारोबार शुरू करने के लिए 600 करोड़ रुपये दिए गए थे।
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साल 2017 में लोढ़ा (Lodha) परिवार के चार सदस्यों के बीच एक पारिवारिक समझौता हुआ था। इसमें श्री मंगल प्रभात लोढ़ा और उनकी पत्नी श्रीमती मंजू लोढ़ा के साथ-साथ उनके बेटे अभिषेक और अभिनंदन शामिल थे। इस समझौते के अनुसार, अभिनंदन अपना नया कारोबार शुरू करेंगे और उनका लोढ़ा (Lodha) ग्रुप से कोई लेना-देना नहीं होगा। समझौते में कहा गया था कि, अभिनंदन अपनी अलग पहचान बनाएंगे और अपने किसी भी कारोबार में किसी भी तरह से लोढ़ा (Lodha) नाम का इस्तेमाल नहीं करेंगे। मैक्रोटेक ने आरोप लगाया है कि अभिनंदन साल 2017 के समझौते का पालन नहीं कर रहे थे, जिसकी वजह से साल 2023 में एक और पारिवारिक समझौता करना पड़ा। साल 2023 के समझौते पर दोनों भाइयों ने हस्ताक्षर किए थे। नए समझौते के तहत अभिनंदन को ‘हाउस ऑफ अभिनंदन लोढ़ा’ (Lodha) नाम का इस्तेमाल करने की अनुमति दी गई थी। उन्हें इस बात का ध्यान रखना था कि वे किसी अन्य रूप या तरीके से लोढ़ा (Lodha) नाम का इस्तेमाल नहीं करेंगे।मैक्रोटेक की ओर से दावा किया गया है कि इस समझौते के बाद भी एचओएबीएल और अभिनंदन लोढ़ा नाम का इस्तेमाल कर रहे थे। लोढ़ा नाम को प्रमुखता से प्रदर्शित करने वाले विज्ञापनों को जारी करने से लेकर अपनी वेबसाइट पर लोढ़ा (Lodha) प्लॉट का ज़िक्र करने के अलावा, लोढ़ा वेंचर्स, लोढ़ा इंश्योरेंस, लोढ़ा (Lodha) फिनसर्व जैसे ट्रेडमार्क पंजीकृत करने जैसी बातों के बारे में जानकारी मिली।
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इस बात का पता चलने पर, मैक्रोटेक की ओर से एचओएबीएल को लोढ़ा (Lodha) नाम का इस्तेमाल बंद करने के लिए लिखित अनुरोध किया गया। दूसरी ओर, एचओएबीएल ने सभी आरोपों का खंडन किया। यह साल 2023 के पारिवारिक समझौते का उल्लंघन था। अभिषेक ने अभिनंदन को लोढ़ा (Lodha) नाम का इस्तेमाल बंद करने के लिए भी लिखा। अभिनंदन ने साल 2023 के समझौते के वजूद के बारे में अनभिज्ञता जाहिर की। मैक्रोटेक ने एचओएबीएल और अभिनंदन के जवाबों से परेशान होकर आखिरकार बॉम्बे हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाया। दोनों पक्षों की बातों को सुनने के बाद, हाई कोर्ट ने उनसे कहा कि वे मध्यस्थता के जरिए मामले को सुलझाने की कोशिश करें। अब सुप्रीम कोर्ट के रिटायर्ड जस्टिस को इस विवाद में मध्यस्थता के लिए नियुक्त किया गया है। यह देखना दिलचस्प होगा कि मध्यस्थता की यह कोशिश सफल होती या नहीं और दोनों भाई आपसी मतभेद को खत्म कर पाते हैं या नहीं। (Lodha)